Jharkhand Assembly Election 2019 : जानिए सीएम रघुवर दास की परेशानी का सबब बने कौन हैं सरयू
Jharkhand Assembly Election 2019.बगाबत की राह पकड़कर मुख्यमंत्री रघुवर दास की परेशानी का सबब बने सरयू राय का सफर भी काफी रोचक रहा है।
जमशेदपुर, जेएनएन। Jharkhand Assembly Election 2019 बगाबत की राह पकड़कर मुख्यमंत्री रघुवर दास की परेशानी का सबब बने सरयू राय का सफर भी काफी रोचक रहा है। बिहार के बक्सर के मूल निवासी और पटना के के साइंस कॉलेज के विद्यार्थी रहे सरयू राय का झारखंड की राजनीति में पर्दापण वर्ष 2005 में हुआ जब रघुवर दास ने अपने सीटिंग विधायक और झारखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मृगेंद्र प्रताप सिंह का टिकट काटकर सरयू राय को टिकट दिया।
रघुवर और भाजपा ने जो विश्वास दिखाया उस पर सरयू राय खरे भी उतरे। झारखंड विधानसभा के जमशेदपुर पश्चिम सीट से चुनाव लड़े और कांग्रेस प्रत्याशी बन्ना गुप्ता को (34733 मत) को 12695 मतों से हराकर सरयू राय (47428 मत) से विजयी हुए। जबकि 2009 में वे बन्ना गुप्ता से चुनाव जरूर हारे लेकिन पार्टी में सक्रिय रहे। 2014 में फिर चुनाव लड़े और 10517 मत से जीत कर दोबारा विधायक बने और झारखंड कैबिनेट में मंत्री बने। लेकिन अपनी दूसरी पारी में उनका रघुवर दास से खटास बढ़ गई इसलिए नई सरकार के गठन के बाद वे कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए। साथ ही प्रचार किया कि झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री जेल जाने वाले हैं और यहीं वजह रही कि उनका टिकट कटा। लेकिन इससे नाराज सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा।
चारा घोटाले का किया था उदभेदन
ये सरयू राय ही थे जिन्होंने संयुक्त बिहार में चारा घोटाले का उदभेदन किया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों को जेल जाना पड़ा। इन्होंने किसान आंदोलन का नेतृत्व किया और सहकारी विभाग द्वारा बांटे जाने वाले घटिया बीज, खाद और नकली कीटनाशक वितरण का खुलासा किया। इन्होंने ही संयुक्त बिहार में अलकतरा घोटाले का भंडाफोड़ किया था।