Jharkhand Assembly Election 2019: बाबा बासुकीनाथ की शरण में हेमंत सोरेन, गेरुआ वाले बयान से साधु-संत नाराज
18 दिसंबर को बड़हरवा में हेमंत सोरेन ने बयान दिया था कि यहां गेरुआ पहन बहू बेटियों की इज्जत लूट ली जाती है। इस बयान पर बासुकीनाथ में साधु-संत समाज के लोगों ने विरोध जताया है।
बासुकीनाथ, जेएनएन। Jharkhand Assembly Election 2019 के अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार समाप्त होने के एक दिन बाद गुरुवार को झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बाबा बासुकीनाथ मंदिर में पहुंचे। उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ बाबा बासुकीनाथ की पूजा-अर्चना की। झारखंड विधानसभा चुनाव में खुद और महागठबंधन की जीत के लिए कामना की।
कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन कर झामुमो विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। गठबंधन की ओर से हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार है। चार चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है। पांचवें और अंतिम चरण में 20 दिसंबर को झारखंड के संताल परगना क्षेत्र की 16 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। 16 में दो सीट-दुमका और बरहेट से हेमंत सोरेन खुद चुनाव लड़ रहे हैं। पांचवें चरण का प्रचार 18 दिसंबर को समाप्त हुआ। इसके अगले दिन गुरुवार को झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने फौजदारी दरबार बाबा बासुकीनाथ मंदिर में मत्था टेका।
हेमंत ने मंदिर में महादेव की विधि विधान से पूजा अर्चना की। पुरोहित मोनू झा, सोनू झा, चन्दन झा शास्त्री, सुमन झा, कुणाल झा, कुुंदन झा सहित ग्यारह सदस्यीय पंडितों के दल नेे उन्हें विधिवत पूूजा- अर्चना करवाई। पूजा अर्चना से पहले उन्होंने मंदिर प्रांगण में बाबा बासुकीनाथ की वैदिक आरती भी की। पूजनोपरांत बासुकीनाथ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि बाबा बासुकीनाथ से प्रार्थना किया कि वे उन्हें राज्य के विकास, तरक्की, खुशहाली में अहम योगदान करने की शक्ति दे। इस अवसर पर भारी संख्या में उनके समर्थक और कार्यकर्ताग मौजूद थे।
हेमंत के बयान पर साधु-संतों ने जताई नाराजगी
18 दिसंबर को बड़हरवा में जनसभा के दाैरान हेमंत सोरेन के बयान दिया था कि यहां गेरुआ पहन बहू बेटियों की इज्जत लूट ली जाती है। हेमंत के इस बयान पर बासुकीनाथ में साधु संत समाज के लोगों ने रोष जताया है। साधु संत समाज के निगम महाराज, त्रिकाली बाबा, सुगम महाराज ने कहा कि दुष्र्किमयों, अपराधियों, व्यभिचारियों का कोई जाति धर्म, मजहब नहीं होता है। उन्हें किसी वस्त्र विशेष, समाज विशेष या जाति, धर्म से जोडऩा कतई उचित नहीं है। हेमंत को अपने इस बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए।