Hemant Oath Ceremony: मंत्रियों के नाम पर नहीं बन पा रही सहमति, हेमंत के साथ दो ही मंत्री लेंगे शपथ
Hemant Oath Ceremony शपथ ग्रहण समारोह में सांकेतिक तौर पर झामुमो और कांग्रेस कोटे से एक-एक मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। खरमास के बाद हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल का पूर्ण विस्तार होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Oath Ceremony झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। फिलहाल उनके अकेले शपथ ग्रहण करने की संभावना ज्यादा है। मंत्रियों के नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। पद सीमित हैं और दावेदार ज्यादा। सांकेतिक तौर पर हेमंत के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के एक-एक विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।
पूर्ण मंत्रिमंडल का गठन फिलहाल नहीं करने के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि खरमास महीने में ऐसा करना ठीक नहीं होगा। मंत्री पद के दावेदारों और सत्तासीन होने जा रहे विपक्षी गठबंधन के कई वरीय नेताओं ने भी इस ओर ध्यान इंगित कराया है। इसके बाद यह कहा जा रहा है कि फिलहाल कैबिनेट में सभी मंत्रियों को शपथ नहीं दिलाई जाएगी।
14 जनवरी को खरमास समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। ऐसी मान्यता है कि खरमास के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैैं। हालांकि भले खरमास का हवाला दिया जा रहा हो लेकिन पर्दे के पीछे की सच्चाई यह है कि तय मंत्रियों से कहीं ज्यादा दावेदारों ने दलों की मुश्किल बढ़ा दी है। किस दल का क्या प्रतिनिधित्व होगा कैबिनेट में यह भी अभी तक तय नहीं हो पाया है।
रघुवर दास भी आएंगे शपथ ग्रहण समारोह में
झारखंड के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास भी हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मौजूद रहेंगे। शुक्रवार को हेमंत सोरेन ने स्वयं उन्हें फोन कर शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया गया है, लेकिन उनके आगमन की स्वीकृति नहीं मिली है। हेमंत सोरेन ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा को भी समारोह में आमंत्रित किया है।
शपथ ग्रहण में जुटेंगे देशभर से कद्दावर नेता
- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी
- पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम
- कांग्रेस कोषाध्यक्ष अहमद पटेल
- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
- उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
- बिहार के पूर्व उपमुख्यमत्री तेजस्वी यादव
- एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार
- बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
- पूर्व राज्यसभा सदस्य शरद यादव
- डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन
- बसपा अध्यक्ष मायावती
- सांसद कनीमोझी
- कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
- आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू
- राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश
- सीपीआइ नेता कन्हैया कुमार
- सांसद टीआर बालू
- उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत
हेमंत बोले- फूल नहीं, किताब दीजिए
हेमंत सोरेन भारी संख्या में शुभकामनाएं देने आने वाले लोगों के प्यार से अभिभूत हैैं। उन्होंने आग्रह किया है कि गुलदस्ता लेकर आने की बजाय लोग उन्हें किताबें भेंट करें। उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया है कि वे सभी किताबें पढ़ेंगे और उसका अनुभव भी साझा करेंगे। दरअसल, हेमंत सोरेन गुलदस्ते को सहेजकर रख पाने में असमर्थता से दुखी हैैं। उन्होंने एक तस्वीर भी साझा की है, जिसमें उनके आवास में गुलदस्ते बिखरे पड़े हैैं। इसी वजह से उन्होंने आग्रह किया है कि मिलने आने वाले लोग उन्हें भेंट के तौर पर किताबें दे सकते हैैं, जो वे सहेजकर रख सकेंगे। उनकी इस अपील पर उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। लोगों ने उनकी भावना को सराहा है।
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झारखंड के अधूरे सपने हम पूरे करेंगे
नामित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड गठन का उद्देश्य बाकी है और वे लोगों के अधूरे सपने पूरे करेंगे। वे यहां परमवीर अल्बर्ट एक्का की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि शहीदों का समाज में बहुत योगदान है। परमवीर की शहादत को नहीं भुलाया जा सकता। झारखंड राज्य के सृजन के लिए भी बड़ी संख्या में लोगों ने बलिदान दिया है। ऐसे लोगों के प्रति राज्य कृतज्ञ है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, भवन निर्माण पर कांग्रेस की नजर
झामुमोनीत गठबंधन सरकार में कांग्रेस की नजर महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर है। 2014 में हेमंत सोरेन की 16 माह वाली सरकार में भी अधिसंख्य महत्वपूर्ण मंत्रालय कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के पास थे। इस बार भी कांग्रेस ने शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, भवन निर्माण आदि महत्वपूर्ण विभागों पर दावेदारी की है। कांग्रेस ने मंत्रिमंडल में पांच मंत्रियों के पद दावा ठोका है।
मंत्रिमंडल में शामिल होने की दौड़ में ये आगे
- कांग्रेस से : आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद सिंह, ममता देवी. दीपिका पांडेय सिंह।
- झामुमो से : चंपई सोरेन, स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, हाजी हुसैन अंसारी, मथुरा प्रसाद महतो, दीपक बिरुआ, चमरा लिंडा।
किनारे किए जा सकते हैं दागी
पूर्ववर्ती सरकारों में घोटाले का आरोप झेलने वाले विधायक हेमंत सोरेन सरकार में किनारे किए जा सकते हैैं। ऐसे विधायकों की तादात झामुमो और कांग्रेस में बराबर है। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक से ज्यादा मामले चल रहे हैैं। कुछ विधायकों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो भी जांच कर रही है।
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