Move to Jagran APP

Jharkhand Assembly Election 2019: कांग्रेस से पींगे बढ़ा रहे बाबूलाल, बदलाव लाने को हेमंत सोरेन रेस

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर दबाव की राजनीति शुरू हो गई है। महागठबंधन की वकालत करते-करते पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने झाविमो और कांग्रेस के गठबंधन को सबसे सफल बताया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 10:31 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 10:31 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: कांग्रेस से पींगे बढ़ा रहे बाबूलाल, बदलाव लाने को हेमंत सोरेन रेस
Jharkhand Assembly Election 2019: कांग्रेस से पींगे बढ़ा रहे बाबूलाल, बदलाव लाने को हेमंत सोरेन रेस

रांची, [जागरण स्‍पेशल]। Jharkhand Assembly Election 2019 - झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर विरोधी दलों की कमोबेश तैयारी शुरू हो गई है। सभी दल के नेता अपनी-अपनी पार्टी की मजबूत दावेदारी जताते हुए अभी से ही अपना राग अलापने लगे हैं। लोकसभा चुनाव की तर्ज पर महागठबंधन की वकालत भी जोरों पर है। झामुमो ने अन्‍य विपक्षी दलों को पीछे छोड़ते हुए अपने चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है। बदलाव लाने की पूरी तैयारी में पूर्व मुख्‍यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्‍यक्ष हेमंत सोरेन रेस हैं। संथाल से बीते 26 अगस्‍त से उनकी बदलाव यात्रा का आगाज हुआ है।

prime article banner

इधर झाविमो सुप्रीमो पूर्व मुख्‍यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस के साथ पींगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं। उन्‍होंने गठबंधन की तरफदारी करते हुए कहा है कि वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस एवं झाविमो का गठबंधन हुआ था। इस गठबंधन को कुल 25 सीटें मिली थी। तब कांग्रेस के 14 एवं झाविमो के 11 विधायक जीते थे। मरांडी ने साफ कहा कि उनकी पार्टी सभी 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। हालांकि, उनकी पूरी कोशिश होगी कि विपक्षी दलों के साथ तालमेल बने।  

बाबूलाल बोले, सभी 81 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ेंगे
झाविमो विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगा या गठबंधन कर लड़ेगा, यह पत्ता खोलने को अभी पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी तैयार नहीं हैं। बाबूलाल यह भी घोषणा कहने को तैयार नहीं हैं कि विधानसभा चुनाव किस सीट से लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे किसी एक सीट से नहीं बल्कि सभी 81 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ेंगे। भले ही उनकी पार्टी चुनाव अकेले लड़े या फिर गठबंधन कर। बाबूलाल ने यह जरूर कहा कि कांग्रेस एवं झाविमो का गठबंधन सबसे सफल रहा था।

बीते दिन गिरिडीह के बरगंडा स्थित आवास पर बातचीत  में गठबंधन के सवाल पर पूर्व सीएम ने कहा कि 2009 में कांग्रेस एवं झाविमो का गठबंधन हुआ था। इस गठबंधन को कुल 25 सीटें मिली थी। कांग्रेस के 14 एवं झाविमो के 11 विधायक जीते थे। 2014 में गठबंधन नहीं हो सका।

बदलाव यात्रा के जरिये अपनी ताकत की आजमाइश कर रहे हेमंत सोरेन
झारखंड के तमाम विपक्षी दलों में झारखंड मुक्ति मोर्चा अब तक खासा सक्रिय दिख रहा है। कार्यकारी अध्‍यक्ष हेमंत सोरेन की अगुआई में पार्टी ने पहले राजधानी रांची में आक्रोश रैली निकाली, अब संथाल से पूरे राज्‍य भर के लिए बदलाव यात्रा निकाली की गई है। इस यात्रा के जरिये अपनी ताकत की आजमाइश में जुटे झामुमो बीते लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के समय से ही जेएमएम के नेतृत्‍व में विधानसभा चुनाव लड़ने की बात करता रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.