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Jharkhand Assembly Election 2019: बाबूलाल किनारे-हेमंत का नेतृत्व नामंजूर; JMM ने JVM से झाड़ा पल्‍ला

Jharkhand Assembly Election 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा विधानसभा चुनाव में अलग राह पकड़ती दिख रही है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 06:39 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 12:25 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: बाबूलाल किनारे-हेमंत का नेतृत्व नामंजूर; JMM ने JVM से झाड़ा पल्‍ला
Jharkhand Assembly Election 2019: बाबूलाल किनारे-हेमंत का नेतृत्व नामंजूर; JMM ने JVM से झाड़ा पल्‍ला

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा विधानसभा चुनाव में अलग राह पकड़ती दिख रही है। यह बात भी कहीं न कहीं स्पष्ट हो रही है कि मरांडी को हेमंत सोरेन का नेतृत्व स्वीकार नहीं है। दूसरी ओर, हेमंत भी झाविमो को साथ लेकर चलने के मूड में नहीं हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि झाविमो के विधायक आसानी से भाजपा में चले जाते हैं और इससे विपक्ष कमजोर होता है।

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खैर, बुधवार से बिना झाविमो के गठबंधन के स्वरूप पर चर्चा शुरू हुई है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे और प्राथमिक तौर पर हेमंत को नेता मानते हुए उन्हें दलों से बातचीत को कहा गया है। वामपंथी पार्टियों से झामुमो बात करेगा और राजद से कांग्रेस। कांग्रेस अब सबको साथ लेकर चलने की जिद को छोड़ती दिख रही है। इस बीच, विपक्षी दलों की बैठकों से झाविमो लगातार अनुपस्थित चल रहा है।

कांग्रेस और झामुमो अब सीटों पर अपनी-अपनी दावेदारी करेगी। कांग्रेस पिछले चुनाव में जहां पहले और दूसरे नंबर पर रही उन सभी सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती है। इसके अलावा तीसरे नंबर की सीटों की भी मांग की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव 35 सीटों की मांग कर रहे हैं। यह भी तय है कि झामुमो 40 सीटों के आसपास अपना हिस्सा रखेगा। सीटों की संख्या को लेकर घोषणा चुनाव की अधिसूचना के बाद ही होगी। 

सभी सीनियर नेताओं को मौका मिले : इरफान

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में सीनियर नेताओं की अनदेखी न की जाए। सीनियर और अनुभवी नेताओं के मशविरे से पार्टी बढ़े तो जीत तय है। उन्होंने प्रदीप बलमुचू, चंद्रशेखर दुबे, रामेश्वर उरांव और फुरकान अंसारी को हर हाल में चुनाव लडऩे की बात कही। लगे हाथ फुरकान अंसारी के लिए मधुपुर सीट की मांग भी कर ली। कहा कि मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए हेमंत सोरेन को दिल बड़ा करते हुए निर्णय लेना होगा। यह सीट कांग्रेस जीतेगी तो हेमंत को ही लाभ होगा।


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