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Jharkhand Election 2019: आयोग से कांग्रेस ने कहा- डीसी बन गए हैं प्रवक्ता, भाजपा बोली- चुनाव में न हो विदेशी फंडिंग का दुरुपयोग

Jharkhand Assembly Election 2019. भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष रांची में बुधवार को राजनीतिक दलों ने अपनी शिकायतें रखीं। साथ ही कई सुझाव दिए।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 07:42 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 07:42 PM (IST)
Jharkhand Election 2019: आयोग से कांग्रेस ने कहा- डीसी बन गए हैं प्रवक्ता, भाजपा बोली- चुनाव में न हो विदेशी फंडिंग का दुरुपयोग
Jharkhand Election 2019: आयोग से कांग्रेस ने कहा- डीसी बन गए हैं प्रवक्ता, भाजपा बोली- चुनाव में न हो विदेशी फंडिंग का दुरुपयोग

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के कई उपायुक्त आइएएस कोड ऑफ कंडक्ट के विरुद्ध जाकर सरकार के समर्थन में सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस ने यह शिकायत भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष की है। कहा है कि कई उपायुक्त ट्विटर और फेसबुक पर झारखंड विद मोदी कैंपेन चला रहे हैं। वे सरकार के प्रवक्ता हो गए हैं। उनपर कार्रवाई की जाए। वहीं, प्रदेश भाजपा ने विधानसभा चुनाव में कई एनजीओ द्वारा विदेशी फंडिंग का दुरुपयोग कर विशेष पार्टी को मदद पहुंचाने की आशंका व्यक्त की है।

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा, निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा व सुशील चंद्रा के साथ राजनीतिक दलों के साथ बुधवार को एक निजी होटल में हुई अलग-अलग बैठकों में दलों के प्रतिनिधियों ने कई शिकायतें की। स्वच्छ और भयमुक्त मतदान कराने के लिए कई सुझाव भी दिए। आयोग ने सभी पर नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया।

आय-व्यय की हो जांच : भाजपा

बैठक में प्रदेश भाजपा के प्रतिनिधियों ने इसी साल संपन्न लोकसभा चुनाव में कुछ एनजीओ द्वारा विदेशी फंड का उपयोग खास पार्टी को मदद करने में की बात सामने आने की जानकारी देते हुए उनके एक साल के आय-व्यय की जांच कराने तथा तबतक उनके खाते से राशि की निकासी पर रोक लगाने की मांग की।

पार्टी ने संताल परगना के कई जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों के फर्जी मतदान करने की आशंका व्यक्त करते हुए वहां के मतदान केंद्रों तथा अन्य जिलों के भी संवेदनशील व अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर अद्र्धसैनिक बलों की तैनाती का सुझाव दिया। यह भी जानकारी दी कि तमाम प्रयास के बावजूद लोकसभा चुनाव में 70 फीसद बूथों में शेड नहीं थे।

पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जब्त की गई धनराशि तथा दर्ज मामलों के अबतक लंबित होने की जानकारी देते हुए ऐसे मामलों की जांच 72 घंटे के भीतर करने तथा जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की। पार्टी प्रतिनिधि में प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश व प्रदेश सहसंयोजक सुधीर श्रीवास्तव शामिल थे।

तीन साल से जमे अफसरों का क्यों नहीं हुआ तबादला : कांग्रेस

कांग्रेस ने विपक्षी दलों की मांगों के विरुद्ध पांच चरणों में चुनाव कराए जाने पर सवाल उठाए। कहा, सिर्फ भाजपा ने ही पांच चरणों में चुनाव कराने की मांग की थी। ऐसे में यह धारणा बनती है कि आयोग ने सिर्फ भाजपा की मांग पर गौर किया। इसपर आयोग की ओर से कहा गया कि पिछला विधानसभा चुनाव भी पांच चरणों में कराया गया था। स्वच्छ व शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए ही इतने चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है।

पार्टी ने रांची के धुर्वा स्थित जेएससीए स्टेडियम का चुनाव कार्य में उपयोग कराए जाने को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन की गतिविधियों पर नजर रखने की मांग की। साथ ही आयोग के सख्त निर्देश के बावजूद तीन साल से जमे कई अधिकारियों के स्थानांतरण नहीं किए जाने की शिकायत की। प्रतिनिधि में प्रवक्ता आलोक दूबे व किशोर शाहदेव शामिल थे।

झामुमो ने उठाया सोशल मीडिया का मुद्दा

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र द्वारा भारतीय वन कानून, 1927 में संशोधन प्रस्ताव वापस लेने पर सवाल उठाए हैं। कहा है कि ऐसा चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया गया है। पार्टी ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के विरुद्ध शिकायत की। साथ ही भाजपा द्वारा सोशल मीडिया में पार्टी के शीर्ष नेता शिबू सोरेन व हेमंत सोरेन के विरुद्ध घृणा और विद्वेष से प्रेरित तथ्य प्रकाशित करने की शिकायत करते हुए लिंक की भी जानकारी दी।

पार्टी ने यह सुनिश्चित करने की भी मांग की है कि भाजपा चुनाव में राम मंदिर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का दुरुपयोग कर चुनाव को प्रभावित न करे। मोर्चा ने हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड में कई पदों पर बहाली के लिए निकाले गए विज्ञापन को भी आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। पार्टी प्रतिनिधियों में महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य व विनोद पांडेय शामिल थे।

दर्ज मामले प्रकाशित करने पर झाविमो को ऐतराज

झारखंड विकास मोर्चा ने उम्मीदवारों पर दर्ज मामले की तीन अखबारों में प्रकाशन व इतने ही चैनल में प्रसारण की अनिवार्यता पर ऐतराज किया। कहा कि इससे पैसे व समय दोनों की बर्बादी होगी। इसपर आयोग ने कहा कि इसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर लागू किया गया है।

इसका सख्ती से अनुपालन होना चाहिए। पार्टी ने विभिन्न प्रक्रियाओं को लेकर अनुमति मिलने में होनेवाली परेशानी को देखते हुए सिंगल विंडो लागू करने की भी मांग की, जिसपर आयोग ने कहा कि इसमें अब किसी प्रकार की शिकायतें नहीं आएंगी। प्रतिनिधियों में प्रवक्ता सुनीता सिंह व तौहीद आलम शामिल थे।

पुलिस कर्मियों के आचरण पर भी रखी जाए नजर

आजसू के महासचिव राजेंद्र मेहता तथा ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता संजय पांडेय ने चुनाव में अद्र्धसैनिक बलों व अन्य पुलिस व चुनाव कर्मियों के आचरण पर भी नजर रखने का सुझाव दिया। वहीं, सीपीआइ के अजय कुमार ने चुनाव के दौरान शराब की बिक्री पर रोक की मांग की।


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