Jharkhand Election 2019 : पहले निशिकांत, अब सुब्रमण्यम स्वामी ने की सरयू राय की तरफदारी, कही ये बात
Jharkhand Assembly Election 2019. भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ निर्दल लड़ रहे सरयू राय की हिमायत की है।
जमशेदपुर, जेएनएन। Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बागी होकर जमशेदपुर पूर्वी से मुख्यमंत्री के खिलाफ निर्दलीय मैदान में कूदे मंत्री सरयू राय की हिमायत की है। स्वामी ने सरयू राय का टिकट काटने के फैसले को गलत बताया है।
उन्होंने कहा है कि यह दुखद है कि जेपी के तत्कालीन युवा सहयोगी और अब झारखंड में भाजपा सरकार के सबसे प्रमुख और ईमानदार मंत्री सरयू राय को बिना किसी अच्छे कारण के भाजपा के टिकट से वंचित कर दिया गया है। अब वह विधानसभा के लिए आसन्न चुनाव में सीएम के खिलाफ एक स्वतंत्र उम्मीदवार हैं।
गोड्डा के सासंद कर चुके तरफदारी
सुब्रमण्यम स्वामी से पूर्व गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दूबे सरयू राय की तरफदारी कर चुके हैं। उन्होंने सरयू राय के साथ वाली तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट किया था और एक शेर लिखा था। इससे राजनीतिक गलियारें में काफी सुर्खियां मिली थी।
It is sad that JP’s then young associate and now most prominent and honest Minister of the BJP government in Jharkhand, Saryu Rai has been denied BJP ticket for no good reason. Now he is an independent candidate against the CM in the imminent election for Assembly.— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 22, 2019
सरयू राय जमशेदपुर पश्चिमी से विधायक हैं। वे मंत्री रहते हुए भी सरकार की मुखर आलोचना करते रहे हैं। यही वजह रही कि उनका टिकट लगातार होल्ड पर रखा गया। इस दौरान कयासों के बीच सरयू ने बगावत की राह पकड़ ली और मुख्यमंत्री के खिलाफ ही जमशेदपुर पूर्वी से चुनावी अखाड़े में कूद गए। अब वे मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ मुखर होकर बोल रहे हैं।जदयू और आप का समर्थनरघुवर दास के फैसले से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सदारत वाली जदयू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी आम आदमी पार्टी ने समर्थन देने की घोषणा की है।भाजपा ने नहीं की है कोई कार्रवाईसरयू राय ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करने के साथ ही मंत्री पद और विधायकी से इस्तीफा भेज दिया था। हालांकि,इस्तीफे पर अबतक कोई फैसला नहीं लिया गया है। सरयू की भाजपा की सदस्यता पर भी कोई फैसला नहीं लिया गया है और पार्टी ने अबतक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।