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Jharkhand Assembly Election 2019: बहुत कठिन है डगर...चुनाव से पहले BJP MLA ढुलू महतो की कसेगी नकेल

ढुलू पर FIR दर्ज न होना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। एक तरफ झाविमो विधायक प्रदीप यादव पर शिकायत दर्ज होते ही जेल जाने को मजबूर किया जाता है दूसरी तरफ बचाया जाता है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 01:00 PM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 01:00 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: बहुत कठिन है डगर...चुनाव से पहले BJP MLA ढुलू महतो की कसेगी नकेल
Jharkhand Assembly Election 2019: बहुत कठिन है डगर...चुनाव से पहले BJP MLA ढुलू महतो की कसेगी नकेल

धनबाद, जेएनएन। भाजपा के बाहुबली विधायक ढुलू महतो की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। महिला की शिकायत के बावजूद पुलिस द्वारा विधायक पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने को झारखंड हाई कोर्ट रांची ने गंभीरता से लिया है। झारखंड के DGP और धनबाद के SSP से पूछा है कि विधायक ढुलू महतो पर FIR दर्ज क्यों नहीं हुई? साथ ही 22 सितंबर तक जवाब मांगा है। दूसरी तरफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले की सुनवाई के लिए 6 सिंतबर की तारीख मुकर्रर की है। यह सब ऐसे माैके पर हो रहा जब विधायक विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े हैं। जाहिर है विधानसभा चुनाव में दुष्कर्म की कोशिश का यह मामला एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर ढुलू महतो को परेशान करता रहेगा।

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पुलिस के लिए अब बचाव करना होगा मुश्किलः विधायक ढुलू महतो ने भाजपा नेत्री को वर्ष 2015 से 2018 तक परेशान किया। टुंडू गेस्ट हाउस में बुलाकर दुष्कर्म करने की कोशिश की। कतरास थाना में नेत्री ने 23 नवंबर 2018 को विधायक के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत की। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की तो महिला नेत्री ने एसएसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद भी पुलिस ने अनसुनी कर दी। न्याय के लिए नेत्री ने लड़ाई जारी रखी।

विधानसभा अध्यक्ष और झारखंड विधानसभा के सभी विधायकों को पत्र लिखकर लड़ाई में मदद की मांग की। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा। कहीं से भी न्याय नहीं मिलने पर पीड़िता ने हाई कोर्ट रांची का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए डीजीपी और एसएसपी से जवाब मांगा है। अब पुलिस के लिए भी विधायक का बचाव करना मुश्किल होगा। सत्ताधारी पार्टी का विधायक होने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के नजदीकी होने के कारण पुलिस कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी।

एक आंख में काजल, एक आंख में सुरमा

अपनी ही पार्टी की नेत्री के साथ दुष्कर्म की कोशिश का मामला विधानसभा चुनाव में विधायक के लिए भारी पड़ सकता है। दरअसल, इस मुद्दे पर भाजपा को भी जवाब देते नहीं बनेगा। तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा यह मुद्दा गरमाएगा। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ढुलू को घेरने के लिए कोई कोर-कोशिश नहीं छोड़ेगा। पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता जलेश्वर महतो इस मुद्दे को भुनाने में जुट गए हैं। महतो का बाघमारा विधानसभा चुनाव में ढुलू से मुकाबला होना है।

जलेश्वर महतो कहते हैं-ढुलू पर प्राथमिकी दर्ज न होगा झारखंड की भाजपा सरकार में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। एक तरफ झाविमो विधायक प्रदीप यादव पर महिला शिकायत दर्ज कराती है तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है। दूसरी तरफ भाजपा विधायक अपनी ही पाटी की महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश करते हैं तो उन्हें पुलिस बचाने का काम करती है। पुलिस की यह कार्यशैली एक आंख में काजल और दूसरे में सुरमा जैसी है। 


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