Jharkhand Elections 2019: अब तक विपक्ष के 12 विकेट गिरा चुकी है भाजपा, विरोधियों के खेमे में सन्नाटा
2014 में चुनाव के तत्काल बाद भाजपा ने झाविमो के 6 विधायकों को पार्टी में शामिल कर तगड़ा झटका दिया था। एक बार फिर 2019 के चुनाव से पूर्व 5 विधायकों को तोड़कर विपक्ष की कमर तोड़ दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। विपक्ष की टीम तो तोड़कर उसका मनोबल गिराने की भाजपा की रणनीति का प्रयोग देश के तमाम राज्यों में सौ फीसद सफल रहा है। झारखंड में भी इसी पैंतरे को आजमाते हुए भाजपा ने विपक्षी खेमे के कई मजबूत विकेट गिराए हैं। बुधवार को भाजपा में विपक्षी खेमे से शामिल हुए पांच विधायकों के साथ ही विभिन्न दलों से टूटकर पार्टी में शामिल होने वाले विधायकों की संख्या 12 हो गई।
वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कुल 37 विधायकों ने जीत हासिल की थी। जाहिर था कि भाजपा को अपने बूते बहुमत हासिल नहीं हुआ है। हालांकि, आजसू के पांच विधायकों का समर्थन पार्टी को हासिल था और सरकार बनाने में कहीं कोई रोड़ा नहीं था। बावजूद इसके भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा में सेंध लगाई। झाविमो के कुल आठ विधायकों ने जीत हासिल की थी जिसमें छह भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा को सदन में अपने बूते पूर्ण बहुमत हासिल हो गया।
दल बदल कानून के तहत इस मामले में लंबी सुनवाई हुई लेकिन अंतत: फैसला भाजपा के हक में आया। झाविमो के सातवें विधायक प्रकाश राम भी 2019 का चुनाव आते-आते भाजपा में शामिल हो गए। बुधवार को एक साथ पांच विधायकों के भाजपा में शामिल होने के साथ ही सामने वाले दल से टूटकर पार्टी में शामिल होने वाले विधायकों की संख्या पूरी एक दर्जन हो गई। संभव है कि एक दो दिनों में कुछ और विधायक टूटकर भाजपा में शामिल हो। 2019 के विधानसभा चुनाव से पूर्व विपक्ष के कद्दावर विधायकों को तोड़ भाजपा ने तगड़ा झटका दिया है। कांग्रेस और भाजपा इसे स्वीकार करें या न करें लेकिन उनका मनोबल तो गिरा ही है।
कौन कहां से लडऩा चाहता चुनाव
- सुखदेव भगत : लोहरदगा
- कुणाल षाडंगी : बहरागोड़ा
- मनोज कुमार यादव : बरही
- भानु प्रताप शाही : भवनाथपुर
- जयप्रकाश भाई पटेल : मांडू
ब्यूरोक्रेट्स में
- रिटायर्ड आइएएस सुचित्रा सिन्हा : ईचागढ़
- पूर्व पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय : निरसा
- पूर्व आइपीएस अधिकारी अरुण उरांव : सिसई या गुमला के किसी विस क्षेत्र से