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Jharkhand Election 2019: भाजपा-आजसू में पेंच बरकरार, प्लान बी भी तैयार; बड़ा सवाल-गठबंधन रहेगा या नहीं

Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा ने लोहरदगा से प्रत्याशी दे आजसू एक ओर सांकेतिक रूप से मैसेज दिया तो दूसरी ओर हुसैनाबाद से प्रत्याशी न दे सुलह की संभावनाओं को भी बरकरार रखा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 09:00 PM (IST)
Jharkhand Election 2019: भाजपा-आजसू में पेंच बरकरार, प्लान बी भी तैयार; बड़ा सवाल-गठबंधन रहेगा या नहीं
Jharkhand Election 2019: भाजपा-आजसू में पेंच बरकरार, प्लान बी भी तैयार; बड़ा सवाल-गठबंधन रहेगा या नहीं

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 गठबंधन को लेकर भाजपा और आजसू के बीच चल रहे शह-मात के खेल में दोनों ही ओर से मोहरे बहुत ही सधे अंदाज में चले जा रहे हैं। दोनों ही राजनीतिक दलों ने प्लान बी तैयार रखा है, ताकि राहें जुदा-जुदा होने पर तत्काल उस पर अमल किया जा सके। बुधवार को भी पूरा दिन एनडीए का घटनाक्रम खासा चर्चा में रहा। देर रात भाजपा ने लोहरदगा से अपने प्रत्याशी सुखदेव भगत को सिंबल दे दिया। यहां से आजसू की नीरू शांति भगत पहले से ही नामांकन दाखिल कर चुकी हैं। यह चर्चा सुबह तक आम हो गई। चर्चा पर कयास का दौर शुरू होता, इसी बीच दोनों दलों के गठबंधन का सुर्रा उड़ गया।

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बात यहीं तक नहीं रही। 10-4 के गठबंधन का एक नया फार्मूला भी सामने आया। नौ बजे तक पूरे राज्य में इस अद्भुत फार्मूले की चर्चा शुरू हो चुकी थी। फार्मूला के तहत जो प्लॉट बताया गया उसके अंतर्गत भाजपा आजसू के लिए 10 सीटें छोड़ रही है और चार पर फ्रेंडली फाइट होगी। दोपहर 11 बजे तक भाजपा के कुछ नेताओं ने इस फार्मूले के पक्ष में तर्क भी देना शुरू किया, लेकिन अपराह्न दो बजे आजसू की पीसी ने इस फार्मूले की हवा निकाल दी। भाजपा नेता भी बैकफुट पर दिखे। यह बुलबुला जितनी तेजी से उठा था उतनी ही तेजी से थम भी गया और गठबंधन बने रहने तथा टूटने को लेकर नए सिरे चर्चाएं शुरू हो गईं।

कुछ ऐसा है दोनों दलों का प्लान बी

भाजपा और आजसू दोनों ही दलों ने प्लान बी तैयार रखा है। भाजपा ने लोहरदगा से प्रत्याशी दे आजसू एक ओर सांकेतिक रूप से मैसेज दिया तो दूसरी ओर हुसैनाबाद से प्रत्याशी न दे सुलह की संभावनाओं को भी बरकरार रखा। पार्टी सूत्रों की मानें तो यहां विनोद कुमार सिंह ने पार्टी के अघोषित चेहरे के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। आजसू से बात न बनी तो तत्काल उन्हें सिंबल दे दिया जाएगा।

इधर, आजसू ने भाजपा से सीधी बगावत से परहेज कर रखा है। गेंद पूरी तरह भाजपा के पाले में डाल खुद को सेफ जोन में कर रखा है, ताकि गठबंधन टूटने का ठीकरा उस पर न फूटे। गठबंधन टूटने की स्थिति से निपटने के लिए आजसू ने भी पूरी तैयारी कर रखी है। 25 से ज्यादा सीटों पर उसके प्रत्याशी उतरने को तैयार बैठे हैं, इनमें 13 अब तक घोषित किए जा चुके हैं।


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