Jharkhand Assembly Election: बिहार BJP नेताओं का प्रस्थान, नंद किशोर को प्रदेश की कमान
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने झारखंड विधानसभा चुनाव में बिहार के नेताओं की फील्डिंग सजा दी है। बिहार सरकार में शामिल कई मंत्रियों के अलावा संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को भी कूच कर
पटना [रमण शुक्ला]। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने झारखंड विधानसभा चुनाव में बिहार के नेताओं की फील्डिंग सजा दी है। बिहार सरकार में शामिल कई मंत्रियों के अलावा संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को भी कूच करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शामिल हैं।
अलग-अलग नेताओं की भूमिका तय
झारखंड फतह के लिए पार्टी की ओर से बाकायदा अलग-अलग नेताओं की भूमिका तय की गई है। संगठन के अनुभव, ओजस्वी भाषण शैली और कुशल चुनाव प्रबंधन की विशेषता को देखते हुए पार्टी ने नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है।
नंदकिशोर को पूरे झारखंड की जिम्मेदारी
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रहे और वरिष्ठ नेता व पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव को पूरे झारखंड में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है। बीजेपी ने नंदकिशोर यादव पर पूरे प्रदेश में वर्ग विशेष के मतदाताओं को जोड़ने के उद्देश्य से दांव लगाया है।
मंगल पांडेय को मिली पलामू की कमान
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को पलामू के 12 विधानसभा क्षेत्र कमान सौंपी है। मंगल पांडेय झारखंड के पूर्व प्रदेश प्रभारी भी रह चुके हैं। इसके अलावा पांडेय के खाते में हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बेहतर चुनाव प्रबंधन के जरिए भाजपा की सरकार बनाने श्रेय भी दर्ज है।
प्रमोद चंद्रवंशी के नेतृत्व में 52 की टीम भी
यही नहीं, पार्टी ने बिहार बीजेपी के प्रदेश महामंत्री प्रमोद चंद्रवंशी के नेतृत्व में 52 पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की टीम भी उतारी है। इसमें राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे भी शामिल हैं।
विधानसभा क्षेत्रवार की गई तैनाती
बिहार से सटे झारखंड के विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता कैंप कर रहे हैं। चंद्रवंशी ने प्रति विधानसभा क्षेत्र में दो-दो कार्यकर्ताओं को लगाया है। अहम यह है कि जातीय समीकरण के लिहाज से नेताओं को चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह संघ से जुड़े पदधारक भी बूथ प्रबंधन दुरुस्त करने में जुटे हैं।
विधायकों-मंत्रियों का भी सहारा लेगी पार्टी
बता दें कि झारखंड के ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रों में बिहार की राजनीति प्रभावित करती है। लिहाजा बीजेपी ने वहां के राजनीतिक दिग्गजों को चुनाव प्रचार में उतार दिया है। बीजेपी ने बिहार से आने वाले केंद्रीय मंत्रियों का भी सहारा लिया है। मंत्रियों के पहुंचने से जातिगत समीकरण पार्टी के पक्ष में होंगे। इनके अलावे बिहार बीजेपी के विधायकों को भी चुनावी मोर्चा पर लगाने का फैसला किया गया है।