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Jharkhand Election 2019: पिछड़ा कार्ड खेल गए शाह, भाजपा अध्यक्ष के निशाने पर कांग्रेस; हेमंत पर भी तंज

Jharkhand Assembly Election 2019 राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह ने अपने इस दांव से विपक्ष के साथ-साथ कभी एनडीए के सहयोगी रहे आजसू को भी तगड़ा झटका दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 08:05 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 03:52 AM (IST)
Jharkhand Election 2019: पिछड़ा कार्ड खेल गए शाह, भाजपा अध्यक्ष के निशाने पर कांग्रेस; हेमंत पर भी तंज
Jharkhand Election 2019: पिछड़ा कार्ड खेल गए शाह, भाजपा अध्यक्ष के निशाने पर कांग्रेस; हेमंत पर भी तंज

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लोहरदगा की धरती से अपने चुनाव अभियान का आगाज करते हुए पिछड़ा वर्ग का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने का वादा कर बड़ा दांव चल गए। राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले शाह ने अपने इस दांव से विपक्ष के साथ-साथ कभी एनडीए के सहयोगी रहे आजसू को भी तगड़ा झटका दिया है। आजसू पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बढ़ाने का मुद्दा शुरू से उठाती रही है।   

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अमित शाह को इस बात का बखूबी एहसास है कि यह मुद्दा झारखंड के लिए कितना प्रभावी हो सकता है। यही वजह रही कि उन्होंने सिर्फ सतही तौर पर इसका जिक्र नहीं किया, बल्कि यह भी बताया कि भाजपा इसे लागू करने के लिए क्या कदम उठाएगी। घोषणापत्र के एजेंडा मेें पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को शामिल करने और सरकार गठन के बाद बकायदा कमेटी का गठन कर इस दिशा में पहल करने का शाह ने भरोसा दिलाया।

स्पष्ट है कि भाजपा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बाद अब पिछड़े वर्ग में पैठ बढ़ाने की गंभीर कोशिशों में जुट गई है। अमित शाह ने अपने संबोधन के दौरान पूरी तरह से कांग्रेस को निशाने पर रखा। सिर्फ एक बार झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का नाम लेते हुए उन पर तंज कसा। कभी सहयोगी रहे आजसू पर टिप्पणी से दूरी बनाई। स्पष्ट संकेत हैं कि आगे भी भाजपा के निशाने पर यूपीए गठबंधन ही रहेगा। आजसू के साथ संभावनाओं के द्वार खुले हुए हैं। 

लोहरदगा से जोड़ा जीत का कनेक्शन लेकिन आजसू का जिक्र नहीं

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोहरदगा की धरती से भाजपा की जीत का कनेक्शन जोड़ा। संबोधन के क्रम में इस बात का जिक्र किया कि 2014 में भी उन्होंने यहीं से अपने विधानसभा चुनावी अभियान का आगाज किया था। यह बताना भी नहीं भूले कि उस चुनावी अभियान का परिणाम पूर्ण बहुमत की सरकार के रूप में सामने आया और वे फिर एक बार लोहरदगा की जनता के बीच आशीर्वाद लेने आए हैं।

हालांकि, शाह ने अपने सहयोग आजसू की चर्चा नहीं की। 2014 में शाह भाजपा नहीं बल्कि अपने तत्कालीन सहयोगी आजसू प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा करने आए थे। आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने भी उनके साथ मंच साझा किया था। इस चुनाव में भाजपा और आजसू की राहें अलग-अलग हैं। बावजूद इसके दोनों ही दल एक दूसरे पर तल्ख टिप्पणी से परहेज कर रहे हैं। जुबान की मर्यादा कायम है।

 भाजपा के एजेंडे में 370 सबसे ऊपर

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अनुच्छेद 370 और 35 ए भले ही अपेक्षाकृत परिणाम न दिखा पाया हो लेकिन भाजपा के एजेंडे में यह सबसे ऊपर है। अमित शाह ने लोहरदगा और मनिका के मंच से बार-बार इसका जिक्र किया। पाकिस्तान को भी निशाने पर लिया। राष्ट्रवाद से जुड़े इन मुद्दे को लेकर शाह ने जनता से संवाद स्थापित किया तो कई स्वर उनके साथ हो लिए।

शाह के मंच पर दैनिक जागरण की बादशाहत

अपनी खबरों की विश्वसनीयता और निष्पक्षता के लिए हमेशा से पाठकों के बीच में रहने वाला दैनिक जागरण अखबार गुरुवार को लोहरदगा में शाह के मंच पर भी अपनी बादशाहत कायम रखने में सफल रहा। लोहरदगा के बीएस कॉलेज मैदान में आयोजित भाजपा के चुनावी सभा में मंच पर न सिर्फ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री अमित शाह दैनिक जागरण पढ़ते नजर आए, बल्कि भाजपा प्रत्याशी भी दैनिक जागरण अखबार ही पढ़ते हुए दिखाई दिए। 


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