Lok Sabha Election 2019: माता कुंती सिद्धार्थ के साथ, 22 को भरेंगे नामजदगी का पर्चा
सिद्धार्थ गौतम झरिया के भाजपा विधायक संजीव सिंह के अनुज हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव नहीं लडऩे के लिए उन पर कई तरीके से दबाव बनाने का प्रयास किया गया था।
झरिया, जेएनएन। भाजपा के छोटे से बड़े नेता और कार्यकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि सिंह मेंशन के सिद्धार्थ गौतम लोकसभा चुनाव के समर से हट जाएंगे। इसके विपरित रविवार को झरिया के जनता मजदूर संघ के कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर सिद्धार्थ गौतम ने एलान किया कि वे 22 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे। वे जनता मजदूर संघ के संयुक्त महामंत्री के नाते चुनाव महासमर में निर्दल उतरेंगे। सभी मजदूरों को बुलाया जाएगा। सिद्धार्थ ने चुनावी घोषणा पत्र भी सार्वजनिक किया। दावा किया गया कि यह उनका नहीं बल्कि धनबाद लोकसभा क्षेत्र के आवाम की आवाज है।
चुनाव नहीं लडऩे के लिए बनाया गया दबावः सिद्धार्थ गौतम झरिया के भाजपा विधायक संजीव सिंह के अनुज हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव नहीं लडऩे के लिए उन पर कई तरीके से दबाव बनाने का प्रयास किया गया था। कई लोग चाहते हैं कि सिंह मेंशन का धनबाद की जनता से नाता टूट जाय। वे सूर्यदेव सिंह के पुत्र हैं। एक बार फैसला ले लिए तो पीछे नहीं हट सकते। उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति बिल्कुल साफ सुथरी है। उन्होंने टिकट पाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल से संपर्क नहीं किया, न करेंगे। टिकट के लिए नेताओं के आगे पीछे घूमने के बजाय उन्होंने पूरे धनबाद लोकसभा क्षेत्र का भ्रमण किया। लोगों की समस्या और जरुरत को समझा है। उसी अनुरुप घोषणा पत्र तैयार किया है। उनके साथ के डी पांडेय, रुद्र प्रताप सिंह, अखलाक अहमद समेत समर्थकों की हुजूम था। इस माैके पर सिद्धार्थ गाैतम ने कहा कि उनकी माता कुंती सिंह उनके साथ हैं। कूुती सिंह झरिया से भाजपा के टिकट पर दो बार विधायक चुनी जा चुकी हैं।
घोषणा पत्र में यह सब : सभी विधानसभा क्षेत्रों में जल संकट दूर करना, पर्यावरण का संरक्षण, बिजली समस्या से निजात, धनबाद में उच्च तकनीकी संस्थान की स्थापना, हवाई अड्डा का निर्माण, कई ओवरब्रिज का निर्माण, बीसीसीएल का निजीकरण नहीं होने देना, बीसीसीएल, टाटा, सेल समेत और कंपनियों के सीएसआर फंड का सही इस्तेमाल, बीसीसीएल, इसीएल एवं सेल के स्थाई और ठेका मजदूरों को उचित वेतनमान, मजदूरी और सुविधाएं दिलाना, 20 प्रतिशत युवाओं को रोजगार दिलाना, आग व भू धंसान क्षेत्र पर काबू करने के लिए सरकार पर दबाव बनाना, किसानों को कृषि व ङ्क्षसचाई सुविधा का लाभ, सभी महिलाओं की सुरक्षा एवं विकास।