जनता दल-यूनाइटेड जद-यू का प्रभाव मुख्य रूप से बिहार और झारखंड में है। इस समय भाजपा के सहयोग से जद-यू बिहार की सत्ता पर काबिज है और पार्टी के प्रमुख नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री के साथ ही पार्टी केे राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। पार्टी का गठन 30 अक्टूबर 2003 को जनता दल के शरद यादव गुट, लोकशक्ति पार्टी और समता पार्टी के विलय के बाद किया गया था। पार्टी इस समय भाजपा के नेतृत्व में गठित राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन एनडीए का घटक दल है। हालांकि 2016 में शरद यादव को पार्टी से निकाल दिया गया और उनकी राज्यसभा सदस्यता भी चली गई। पार्टी के लोकसभा में दो सदस्य, बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में 70 सीटें और राज्यसभा में छह सीटें हैं।
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
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