मतगणना से पहले तीन मंत्रियों ने छोड़े आवास
विधानसभा चुनाव की मतगणना 18 दिसंबर को होगी, लेकिन 17 दिन पहले आवासों से सामान एकत्र करना कई तरह के प्रश्न पैदा कर रहा है।
शिमला, प्रकाश भारद्वाज। मिशन रिपीट करने का दम भरने वाले कांग्रेस सरकार के तीन मंत्रियों ने सरकारी बंगलों से सामान समेट लिया है। इस हफ्ते इन मंत्रियों ने अपने आवास का सामान पैक करवाया और पुश्तैनी घरों में पहुंचा दिया। अब इनके सरकारी बंगलों में ताला टंगा है।
शिमला में जिन मंत्रियों के घर हैं, उन्होंने निजी आवासों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। ऐसे भी मंत्री हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद अपने विधानसभा क्षेत्रों से बाहर कदम नहीं रखा है। चुनाव में कांग्रेस की ओर से बहुमत मिलने का दावा किया जा रहा है। सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से तर्क दिए गए कि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण प्रदेश की जनता ने कांग्रेस में भरोसा जताया है लेकिन तीन मंत्रियों द्वारा सामान समेट लिए जाने का कुछ और राजनीतिक मतलब है। फिलहाल अभी तक इन मंत्रियों ने औपचारिक तौर पर सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं लेकिन सामान की ढुलाई करने गए सरकारी कर्मचारियों ने चुपके से इसकी खबर दी है।
विधानसभा चुनाव की मतगणना 18 दिसंबर को होगी, लेकिन 17 दिन पहले आवासों से सामान एकत्र करना कई तरह के प्रश्न पैदा कर रहा है। चुनाव में दोनों ओर से जीत के दावे हो रहे थे। कांग्रेस व भाजपा चुनाव जीतने के लिए आश्वस्त है। प्रदेश सचिवालय में चर्चा है कि मंत्री चुनाव नतीजे आने से पहले सरकारी आवास से सामान क्यों उठा ले गए।
कांगड़ा जिले के हैं दो मंत्री सरकारी निवास से सामान समेटने वाले दो मंत्रियों का ताल्लुक कांगड़ा जिला से है। एक मंत्री मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह केपसंदीदा मंत्रियों में से हैं। दूसरे मंत्री का मुख्यमंत्री से छत्तीस का आंकड़ा रहा है और वह चुनाव से ठीक पहले भाजपा की दहलीज लांघने से रह गए थे।
ऊना वाले मंत्री ने भी समेटा अपना सामान
ऊना जिला से संबंध रखने वाले हाई प्रोफाइल मंत्री ने भी दो दिन लगाकर सरकारी आवास से सामान एकत्र कर घर पहुंचा दिया है। मुख्यमंत्री केचहेते दो मंत्रियों में ऊना वाले मंत्री भी शामिल हैं।
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