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Himachal News: धर्मशाला की सरदारी के लिए BJP लड़ेगी वर्चस्व की लड़ाई, कांग्रेस की भी होगी अग्नि परीक्षा

नगर निगम धर्मशाला में ढाई वर्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद महापौर व उपमहापौर के पदों के चुनाव के लिए अब भीतरी तौर पर जोड़तोड़ शुरू हो गया है। महापौर व उपमहापौर का ढाई वर्ष का कार्यकाल 12 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है और 13 अक्टूबर को चुनाव होगा। ऐसे में शहर की सरदारी के लिए दोनों की पदों के लिए भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने होंगे।

By Paras PandeyEdited By: Paras PandeyPublished: Sun, 24 Sep 2023 06:45 AM (IST)Updated: Sun, 24 Sep 2023 06:45 AM (IST)
धर्मशाला की सरदारी के लिए भाजपा लड़ेगी वर्चस्व की लड़ाई। (फाइल फोटो)

धर्मशाला,जागरण संवाददाता। नगर निगम धर्मशाला में ढाई वर्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद महापौर व उपमहापौर के पदों के चुनाव के लिए अब भीतरी तौर पर जोड़तोड़ शुरू हो गया है। महापौर व उपमहापौर का ढाई वर्ष का कार्यकाल 12 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है और 13 अक्टूबर को चुनाव होगा।

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ऐसे में शहर की सरदारी के लिए दोनों की पदों के लिए भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने होंगे। भाजपा के लिए यह चुनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले यह चुनाव हो रहा है। नगर निगम में अभी भाजपा की सत्ता है। ऐसे में भाजपा को हर हाल में नगर निगम धर्मशाला में अपना वर्चस्व कायम रखना होगा।

इसके वितरीत नौ माह से प्रदेश की बागडोर संभाले कांग्रेस भी चाहती है कि यह चुनाव जीतकर लोकसभा चुनाव के लिए शुभ संकेत दिया जाए, लेकिन अल्पमत में कांग्रेस को इसके लिए बहुत बड़े उलटफेर की जरूरत है। वर्तमान समय में नगर निगम धर्मशाला में भाजपा समर्थित महापौर के रूप में ओंकार नैहरिया व उपमहापौर सर्वचंद गलोटिया हैं।

इस बार महापौर का पद महिला के लिए आरक्षित है तो ऐसे में कांग्रेस व भाजपा दोनों ही तरफ से महिलाओं को इस पद पर काबिज करवाने के लिए कसरत भी जोर-शोर से होगी। 2021 में जब नगर निगम के चुनाव हुए तो 17 वार्डों वाले नगर निगम धर्मशाला में जीते पार्षदों की संख्या में भाजपा के पार्षद बहुमत में थे। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस व भाजपा से छिटके कुछ पार्षद निर्दलीय रूप से भी चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्होंने जीत हासिल कर अपनी ही पार्टी के टिकट आवंटन को गलत ठहरा दिया था।

चुनाव के बाद जोड़-तोड़ की राजनीति के साथ भाजपा ने अपने से दूर हुए कुछ पार्षदों को अपने साथ मिलाया था और फिर महापौर व उपमहापौर दोनों ही पदों पर कब्जा जमाया। उस समय भाजपा से दूर हुए पार्षद सर्वचंद गलोटिया का नाम प्रमुख था जोकि जीतने के बाद भाजपा के साथ हुए और उनकी नाराजगी को दूर करते हुए उन्हें उपमहापौर का पद दिया गया था।

अब वर्तमान में नगर निगम के जीते पार्षदों की बात करें तो इस समय 17 वार्डों में 12 महिलाएं व पांच पुरुष पार्षद हैं। इनमें महिला पार्षदों में तेजेंद्र कौर, मोनिका पठानिया, संतोष शर्मा, रेखा, राजकुमारी, किरण देवी व डिंपल भाजपा तो पूर्व महापौर रजनी व्यास, नीनू शर्मा व सविता कार्की कांग्रेस की पार्षद हैं। इसके अलावा स्वर्णा देवी व सुषमा का भी कांग्रेस को समर्थन प्राप्त है। 

भाजपा की ओर से बात की जाए तो भाजपा के पास वैसे तो महिला पार्षद काफी हैं, लेकिन अनुभवी पार्षदों की कमी है। वरिष्ठता के आधार पर तजिंद्र कौर सबसे अनुभवी पार्षद हैं, लेकिन कई कारणों के चलते वह भाजपा की नजर में महापौर की कुर्सी पर फिलहाल फिट नहीं बैठ रही हैं। वहीं कांग्रेस के पास अनुभवी पार्षदों की भरमार है, लेकिन कांग्रेस यहां बहुमत में नहीं है।

कांग्रेस से सविता कार्की व नीनू शर्मा जीत दर्ज करने के मामले में वरिष्ठता को लेकर आगे होंगी, जबकि रजनी व्यास पहले ही महापौर के पद पर आसीन हो चुकी हैं। नगर निगम के महापौर पद के लिए इस बार महिलाओं के बीच ही जंग होनी है तो भाजपा व कांग्रेस दोनों ही तरफ से कोशिश यह भी होगी कि उनकी समर्थित महिला पार्षद ही महापौर के पर काबिज हो। 

अब तक रह चुके महापौर नगर परिषद से नगर निगम बने धर्मशाला के पहले चुनाव के बाद सबसे पहले रजनी व्यास ढाई वर्ष के लिए महापौर बनी थीं। उसके बाद ढाई वर्ष तक देवेंद्र जग्गी इस पद पर काबिज रहे थे। दूसरे चुनाव के बाद ढाई वर्ष के लिए ओंकार नैहरिया को यह पद मिला था।

अब अंतिम ढाई वर्ष के लिए एक बार फिर से चुनावी प्रक्रिया होगी। पहले भी नगर निगम के महापौर व उपमहापौर के पदों पर भाजपा का कब्जा था। एक बार फिर से भाजपा के ही पार्षद इन पदों पर आसीन होंगे। पार्टी के आदेशानुसार दोनों पदों पर जीत के लिए भाजपा एकजुट है। ओंकार नैहरिया, महापौर नगर निगम।

कांग्रेस के साथ संख्या बल है। महापौर व उपमहापौर पदों को प्राप्त करने के लिए कांग्रेस पूरी लड़ाई लड़ेगी। लोगों का भाजपा सरकार से मोह भंग हो गया था जिसका नतीजा विधानसभा चुनाव परिणाम रहे थे। कांग्रेस समर्थित पार्षद दोनों पर आसीन होंगे। देवेंद्र जग्गी। पार्षद एवं पूर्व महापौर।  


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