Haryana Assembly Election 2019: प्रत्येक इवीएम के साथ लगी है वीवीपैट मशीन
Haryana Assembly Election 2019 के लिए वोटिंग में कई खास प्रबंध किए गए हैं। निष्पक्ष चुनाव के जिए सभी ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाई गई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Assembly Election 2019 के लिए हो रहे मतदान में सभी 90 सीटों पर ईवीएम के साथ वीवीपैट (वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। अक्टूबर 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में केवल छह विधानसभा हलकों थानेसर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक और गुरुग्राम में वीवीपैट का प्रयोग किया गया था, जिसके बाद इस वर्ष जनवरी में हुए जींद उपचुनाव और फिर अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनावो में देश की सभी सीटों पर मतदान में वीवीपैट का प्रयोग किया गया।
वीवीपैट प्रणाली में कोई मतदाता ईवीएम से मतदान करने के लिए अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने वाला नीला बटन दबाएगा तो इसके साथ ही वीवीपैट मशीन में से एक कागज़ की पर्ची निकलेगी, जिसमें मतदाता द्वारा वोट किए गए उम्मीदवार की क्रम संख्या, उसका नाम एवं उसका चुनाव चिन्ह दिखाई देंगे। इस पर्ची को केवल सात सेकेंड तक वोटर द्वारा देखा जा सकेगा, जिसके बाद यह पर्ची वीवीपैट के साथ जुड़े ड्राप बॉक्स में अपने आप गिर जाएगी।
अगर किसी मतदाता द्वारा ईवीएम पर बटन दबाकर किसी उम्मीदवार को डाले गए वोट एवं इसके बाद वीवीपैट में दिखाए जाने वाले उम्मीदवार के विवरण में अंतर पाया जाता है तो इस स्थिति में वोटर को पोलिंग बूथ स्टेशन के ड्यूटी अधिकारी को अंतर के बारे में सूचित करना होगा। ऐसा प्रावधान किया गया है कि गलत सूचना देने पर वोटर को धारा 177 (किसी लोक सेवक को झूठी सूचना देना) के अंतर्गत अधिकतम छह महीने की जेल अथवा एक हज़ार रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार के अनुसार अगर वोटर द्वारा इवीएम से दी गई वोट एवं वीवीपैट में आए अंतर की बात टेस्ट में साबित हो जाती है तो ड्यूटी अधिकारी तत्काल संबंधित विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अफसर को सूचित करेगा एवं उस वोटिंग मशीन से मतदान रुकवा देगा।