Haryana Assembly Elections: मनोहर लाल बोले- हमने न किसी को लुभाया न तोड़ा, जीतने वालों को दिए टिकट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हरियाणा दौरे से पहले मनोहर लाल पूरे प्रदेश में चुनावी माहौल बनाने में जुटे हैं। पेश हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर करनाल विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार चुनावी रण में हैं। अपना चुनाव उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के हवाले कर रखा है। उन पर पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हरियाणा दौरे से पहले मनोहर लाल पूरे प्रदेश में चुनावी माहौल बनाने में जुटे हैं। करनाल की अग्रवाल धर्मशाला में मुख्यमंत्री का चुनाव कार्यालय खुला है। यहां पहुंचकर उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें साफ संदेश दिया कि चुनाव कार्यकर्ताओं और जनता को ही लड़ना है। दैनिक जागरण के हरियाणा स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कुछ ताजा मुद्दों पर बात की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।
हरियाणा में टिकट वितरण हो चुका। भाजपा ने कई विधायकों के टिकट काटे तो कांग्रेस में भी घमासान के हालात हैं?
- हमारे यहां चेहरे देखकर टिकट नहीं मिलते। हमने 12 विधायकों के टिकट काटने का साहस जुटाया है। गुरुग्राम के विधायक को छोड़ दिया जाए तो किसी को बागी नहीं कहा जा सकता। उनकी नाराजगी भी थोड़े समय की हो सकती है। आखिर हैं तो सभी पार्टी के लोग। हमारी पार्टी में जो भी रुठे हुए लोग हैं, हम उन्हें मना लेंगे। कांग्रेस एक भी विधायक की टिकट काटने की हिम्मत नहीं कर पाई। कांग्रेस में चेहरे देखकर और न जाने किन-किन पैमानों के आधार पर टिकट बंटे हैं। कांग्रेस की टिकट का पैमाना क्या रहा होगा, यह बात अशोक तंवर से बेहतर कौन बता सकता है।
दूसरे दलों के कई विधायक भाजपा में सिर्फ इसलिए शामिल हुए थे कि उन्हें टिकट मिलेगा?
- हमने किसी भी व्यक्ति को लोभ-लालच देकर अपनी पार्टी में नहीं बुलाया। सब अपनी इच्छा से आए हैं। भाजपा की विचारधारा और देश व प्रदेश के हित में काम करने की सोच उन्हें हमारी पार्टी में लेकर आई। हमें जिन लोगों को लगा कि टिकट दिया जा सकता है और वह जीत सकते हैं, हमने उन्हें टिकट दिया। किसी को टिकट की गारंटी देकर हम भाजपा में नहीं लेकर आए थे।
भाजपा में टिकट वितरण के पैमाने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। क्या टिकट आवंटन में किसी सर्वे को आधार बनाया गया?
- टिकट के लिए कोई एक पैमाना काम नहीं करता। कई तरह के इनपुट जुटाने पड़ते हैं। सबसे पहला और बड़ा पैमाना होता है संगठन के प्रति वफादारी और समर्पण। फिर उम्मीदवार का जीतना जरूरी होता है। जातीय समीकरण भी देखे जाते हैं। हमारी पार्टी में टिकट वितरण सौ फीसद सही हुआ है और हम दोबारा से अपनी सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं।
हरियाणा कांग्रेस घमासान के दौर से गुजर रही है। अशोक तंवर ने कांग्रेस छोड़ दी। क्या उनके भाजपा के संपर्क में होने की खबरें हैं?
- मुझे ऐसा पता चला है कि अशोक तंवर ने हमारी पार्टी के कुछ लोगों से संपर्क किया है। उनके कांग्रेस छोड़ने का असर निसंदेह संगठन पर पड़ेगा, लेकिन हम अशोक तंवर को भाजपा में नहीं लेने जा रहे हैं।
चुनावी बिसात बिछने से पहले आपने 75 पार का नारा दिया था। अब स्थिति लगभग साफ है। क्या माहौल लगता है?
- हरियाणा में जनता को भाजपा के अलावा दूसरा कोई विकल्प दिखाई नहीं देता। राज्य में विपक्ष पूरी तरह से खत्म हो चुका है। कांग्रेस बर्बाद हो गई है और इनेलो बिखर चुका है। हम 75 विधानसभा सीटें हर हाल में जीतने का इरादा रखते हैं। लोगों का इससे भी ज्यादा समर्थन मिलने की हमें पूरी आस है। हम आज यह कहने की स्थिति में हैं कि भाजपा का 75 पार का नारा सार्थक साबित होगा।
हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने पर काम की क्या प्राथमिकताएं रहेंगी?
- हमने पूरे पांच साल जनता के हित में एक समान रूप से काम किए। फिर भी कुछ काम बाकी हैं। कुछ कामों को गति प्रदान करनी हैं। ऊपर के भ्रष्टाचार को हम काफी हद तक खत्म करने में कामयाब रहे हैं। अब हमारा लक्ष्य निचले भ्रष्टाचार को खत्म करने का है। पारदर्शी सिस्टम के जरिये इसे अपनाएंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार हमारी कार्य योजना का प्रमुख हिस्सा रहेंगे।
हरियाणा के चुनावी रण में कुछ राजनीतिक दल बेरोजगारी बढ़ने की बात कहते हैं?
- जब किसी के पास कोई मुद्दा नहीं रहा तो इसे पकड़कर बैठ गए। राज्य में बेरोजगारी जैसा कुछ भी नहीं है। हर जरूरतमंद लोगों को सरकारी नौकरी व प्राइवेट रोजगार मिल रहा है। हमने सक्षम युवा योजना के जरिये रोजगार दिए हैं। 70 हजार से अधिक सरकारी नौकरियों से गरीब लोगों के घर खुशियों से आबाद हो गए। अब युवाओं को यह भरोसा हो गया कि पर्ची और खर्ची से नहीं बल्कि मेरिट में आने से काम चलेगा। हरियाणा में बेरोजगारी के दावे पूरी तरह से गलत और निराधार हैं।
शुरू में कुछ लोग आपके सरकार चलाने के तरीके पर सवाल उठाते थे। आज वही लोग आपको राजनीति का खिलाड़ी मानते हैं?
- मैं नहीं बदला हूं। जो पांच साल पहले था, वही आज हूं। अगर कुछ बदला है तो लोगों का नजरिया बदला है। पहले वह क्या सोचते थे और आज क्या सोचते हैं। यह उनका अपना मामला है। हमने पांच सालों में प्रदेश की तस्वीर बदली और देश के नक्शे में हरियाणा को एक बेहतरीन राज्य के रूप में लेकर आए।
आप अपनी सरकार का पांच साल का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच हैं। इस रिपोर्ट कार्ड की कोई खास बात?
- मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि अब हर व्यक्ति की बात सुनी जाती है। उसे सरकार के पास पहुंचने तथा व्यवस्था तक अपनी बात पहुंचाने में पहले जो डर था, अब नहीं रहा है। सरकार खुद लोगों के पास चलकर जाती है। सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को बिना किसी भेदभाव के पारदर्शी ढंग से मिल रहा है। एक क्लिक पर समस्त योजनाओं का लाभ लोग ले सकते हैं। यह पांच साल में बड़ा बदलाव हुआ है। हमने पांच साल में सत्ता का भय खत्म किया। अब थाने, कचहरी और तहसील से सरकार नहीं चलती। पात्र व्यक्ति को उसका वाजिब हक जरूर मिलता है। यही हमारी जीत का बड़ा आधार बनेगा।
आप करनाल से चुनाव लड़ रहे। मैं हूं मनोहर का नारा आपने दिया। इसके पीछे कोई मकसद?
- चूंकि मुझे पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार करने जाना है, इसलिए मेरा चुनाव करनाल की जनता लड़ेगी। पिछली बार लोगों ने मुझे 65 हजार से अधिक मतों से चुनाव जितवाया था। इस बार कार्यकर्ताओं से शायद एक लाख से अधिक मतों से चुनाव जिताने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मुझे इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन मेरा चुनाव कार्यकर्ता के साथ-साथ जनता खुद लड़ रही है।
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