रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में हार को लेकर सही नहीं दिए गए बूथ के आंकड़े
आलम यह है कि कुछ नेता दूसरों को नीचा दिखाने के लिए हार की समीक्षा में हुई चूक का भी जमकर सहारा ले रहे हैं।
रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। भाजपा की रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से हुई हार के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी थमा नहीं है। आलम यह है कि कुछ नेता दूसरों को नीचा दिखाने के लिए हार की समीक्षा में हुई चूक का भी जमकर सहारा ले रहे हैं। स्थानीय स्तर पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पदाधिकारी के बूथ के आंकड़े सही नहीं दिए गए हैं।
व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश खोला के बूथ पर भाजपा को जीत मिली थी, परंतु जिले के एक पदाधिकारी द्वारा तैयार प्रारंभिक रिपोर्ट में उनका नाम उस सूची में शामिल कर दिया, जिनके बूथों पर पार्टी को हार मिली है। हालांकि किसी पदाधिकारी के बूथ पर हार या जीत से यह कतई साबित नहीं होता कि संबंधित पदाधिकारी ने अधिकृत उम्मीदवार का विरोध किया था, परंतु भाजपा उम्मीदवार रहे सुनील यादव मुसेपुर की हार के लिए कुछ वरिष्ठ नेता पार्टी पदाधिकारियों के असहयोग को जिम्मेदार मान रहे हैं। इसी कारण कुछ बूथों की डिटेल हाईकमान को भेजी गई है।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद यादव, जिला प्रधान योगेंद्र पालीवाल, व्यावसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश खोला, व्यापारिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रत्नेश बंसल व जिला महामंत्री अमित यादव सहित कई मंडल स्तर के पदाधिकारियों के बूथों की रिपोर्ट वरिष्ठ नेताओं को भेजी गई है। इस रिपोर्ट में कुछ नाम उन पदाधिकारियों के भी है, जिनके बूथों पर पार्टी जीती है, लेकिन इस जीत का श्रेय उन पदाधिकारियों को नहीं दिया गया है। ऐसे पदाधिकारी भी हैं जिनके बूथों पर पार्टी हारी, परंतु सुनील यादव को उनसे शिकायत नहीं है।
इधर, रिपोर्ट तैयार करने वाले जिलास्तर के पदाधिकारी का कहना है कि बूथ नंबर की भूल के कारण सतीश खोला के बूथ पर पार्टी पीछे दिख रही थी। इसे सुधार लिया गया था। इसके पीछे न किसी को नीचा दिखाने का प्रयास था व न ही दुर्भावना थी।
दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक