Haryana Assembly Election 2019: कांग्रेस ने BJP के चक्रव्यूह से निकलने को बदली रणनीति, अब खास सीटों पर फोकस
Haryana Assembly Election 2019 में कांग्रेस ने भाजपा के चक्रव्यूह से निकलने को अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पार्टी अब खास सीटों पर ध्यान केंद्रीय करेगी।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Haryana Assembly Election 2019 में एक-एक सीट के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस को चुनावी महासमर में अपनी रणनीति बदलनी पड़ गई है। कांग्रेस ने भाजपा के चक्रव्यूह से निकलने को अपनी रणनीति में बदलाव कर खास सीटों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। कांग्रेस ने सभी 90 विधानसभा सीटों पर फोकस करने की बजाय अब उन सीटों पर खुद को केंद्रित कर लिया, जहां पार्टी को जीत की आस है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही कह चुके कि चुनावी रण में भाजपा का मुकाबला किसी पार्टी से नहीं बल्कि कुछ उम्मीदवारों से है।
भाजपा के निशाने पर कांग्रेस के कई बड़े चेहरे, बदले हालात में कांग्रेस ने टक्कर वाली सीटों पर लगाया जोर
भाजपा ने कांग्रेस, इनेलो और जननायक जनता पार्टी के प्रमुख कद्दावर चेहरों को अपने टारगेट पर ले रखा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधिकतर दौरे उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों में रखे गए हैं, जहां भाजपा को विपक्ष से चुनौती मिलने की उम्मीद है। भाजपा के निशाने पर कांग्रेस के तमाम बड़े चेहरे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक तंवर जिस तरह से राज्य भर में अपनी पार्टी के प्रमुख नेताओं खासकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरुद्ध प्रचार में जुटे हैं, उससे भाजपा की राह और आसान हो गई है।
कांग्रेस के प्रभाव वाले हलकों में कराए जा रहे शाह और मोदी के दौरे, कांग्रेस की अब राहुल को लाने की तैयारी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बुधवार के हरियाणा दौरे के बाद कांग्रेस अपनी रणनीति बदलने को मजबूर हुई है। अब शाह दोबारा 14 अक्टूबर को हरियाणा आएंगे। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरियाणा में रैली है। कांग्रेस अपनी पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी को 14 अक्टूबर को ही हरियाणा लेकर आने वाली है। उनकी रैली कहां होगी, यह अभी तय होना बाकी है। राहुल गांधी महाराष्ट्र और हरियाणा दोनों जगह पर चुनाव प्रचार करेंगे।
पूर्व मुख्मयंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा की योजना सोनिया गांधी तथा प्रियंका गांधी को भी चुनावी रण में लाने की है, ताकि भाजपा के हमलों का जवाब दिया जा सके। कांग्रेस की कमजोर रणनीति और अशोक तंवर की पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस का चुनाव फिलहाल गति नहीं पकड़ पाया है। चुनाव प्रचार के लिहाज से भाजपा सबसे आगे है। दूसरे नंबर पर जननायक जनता पार्टी के पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला का नंबर है।
कांग्रेस का खास फोकस रणदीप सिंह सुरजेवाला की कैथल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई, कुलदीप बिश्नोई की आदमपुर, चंद्रमोहन की पंचकूला, किरण चौधरी की तोशाम, कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव की रेवाड़ी, आनंद सिंह दांगी की महम, डा. रघुबीर कादियान की बेरी और गीता भुक्कल की झज्जर विधानसभा सीटों पर है। कांग्रेस खुद को समालखा में भी मजबूत मानकर चल रही है। फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र की आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस खुद को कड़े मुकाबले में मानती है। रोहतक में शहर को छोड़कर बाकी सीटों पर हुड्डा का असर माना जाता है। इसलिए हुड्डा ने इस जिले पर पूरा फोकस कर रखा है।
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सोनीपत के बरौदा, झज्जर की तीन सीट, गुरुग्राम व मेवात की आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस खुद को लड़ाई में मानकर चल रही है। सिरसा व फतेहाबाद में कांग्रेस का कुछ खास प्रभाव नहीं है, लेकिन कुमारी सैलजा ने सिरसा व अंबाला जिलों की सीटों पर ध्यान देना शुरू किया है। कुरुक्षेत्र की थानेसर सीट पर भी फोकस किया जा रहा है। पानीपत की इसराना सीट पर कांग्रेस की निगाह है। अंबाला जिले में दो सीटें ऐसी हैं, जो कांग्रेस के टारगेट एरिया में शामिल हैं।
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राहुल 14 अक्टूबर को हरियाणा, सोनिया-प्रियंका को लाने की कोशिश
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हरियाणा के चुनावी महासमर में 14 अक्टूबर को ताल ठोंकेंगे। राहुल गांधी के हरियाणा के कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। कु. सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोनिया गांधी तथा प्रियंका गांधी से भी हरियाणा के चुनावी रण में प्रचार करने का अनुरोध किया है। सोनिया व प्रियंका के दौरे अभी तय नहीं हुए हैं, लेकिन सैलजा के अनुरोध के चलते सोनिया गांधी हरियाणा आ सकती है।
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