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चौ. बीरेंद्र सिंह बोले- दिमाग से काम लेंगे तो पांच साल चलेगी सरकार, हुड्डा-सैलजा पर की ऐसी टिप्पणी

चौ. बीरेंद्र सिंह का मानना है कि यदि भाजपा व जजपा गठबंधन के नेता दिल के बजाय दिमाग से फैसले लेंगे तो सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 09:10 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 09:52 AM (IST)
चौ. बीरेंद्र सिंह बोले- दिमाग से काम लेंगे तो पांच साल चलेगी सरकार, हुड्डा-सैलजा पर की ऐसी टिप्पणी
चौ. बीरेंद्र सिंह बोले- दिमाग से काम लेंगे तो पांच साल चलेगी सरकार, हुड्डा-सैलजा पर की ऐसी टिप्पणी

जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य चौ. बीरेंद्र सिंह का मानना है कि यदि भाजपा व जजपा गठबंधन के नेता दिल के बजाय दिमाग से फैसले लेंगे तो सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने माना कि स्थायी सरकार के लिए भाजपा के पास जजपा का समर्थन लेने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था, क्योंकि जजपा एक संगठित दल है, जबकि निर्दलीय स्वतंत्र होते हैं। बीरेंद्र सिंह अपने सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह और पूर्व विधायक पत्नी प्रेमलता के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के दायित्व ग्रहण समारोह में आए हुए थे।

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प्रेमलता की हार और दुष्यंत चौटाला की जीत से जुड़े सवाल पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि मुझे इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता। बीरेंद्र सिंह के साथी हमेशा बीरेंद्र सिंह के ही रहेंगे। मैंने जब कांग्रेस छोड़ी थी, तब करीब 17 हजार लोग भाजपा में आए थे। तब उनमें से किसी ने भी यह नहीं कहा था कि आप यह क्या निर्णय ले रहे हो। बता दें कि दुष्यंत चौटाला ने उचाना में बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को करीब 47 हजार मतों के अंतर से हराया है।

अजय चौटाला की फरलो से जुड़े सवाल पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रशासनिक बातें हैं, लेकिन अजय सिंह अपने बेटे के राजतिलक समारोह में शामिल होने आए हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं है। भाजपा-जजपा के गठबंधन के सवाल पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि जब हम 40 सीटों पर अटक गए तो छह की कमी कहीं तो पूरी करनी थी। निर्दलीय के बजाय संगठित दल से ज्यादा उम्मीद की जा सकती है।

बीरेंद्र सिंह ने कहा कि संगठित दल कोई भी लंबी पारी खेल सकता है, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हमें निर्दलीयों को नजरअंदाज कर देना चाहिए। वहीं चुनाव हारने वाले भाजपा नेताओं को उन्होंने फिर से जनता के बीच अभी से चले जाने की सलाह दी है। बीरेंद्र ने कहा कि उनका चुनाव हारना कोई बड़ी बात नहीं है। बड़े नेताओं के चुनाव हारने का मतलब यह कतई नहीं है कि उनका जनाधार खत्म या कम हो गया है, लेकिन खुद को दोबारा खड़ा करने के लिए मेहनत जरूरी है। भाजपा व जजपा के बीच नीतिगत मुद्दों पर टकराव से जुड़े सवाल पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि इसका जवाब समय पर छोड़ देना चाहिए।

चौटाला परिवार से ऊपर हम, हुड्डा-सैलजा ने की मेहनत

चौटाला परिवार और बीरेंद्र सिंह के परिवार के बीच राजनीतिक लड़ाई से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने तीन बार और इन लोगों ने हमें दो बार हराया है, इसलिए अभी हम ऊपर हैं। उन्होंने कांग्रेस की सीटों में बढ़ोतरी का श्रेय पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दिया और कहा कि कांग्रेस के वोट बैंक में भी बढ़ोतरी हुई है, इसलिए यह स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं कि हुड्डा-सैलजा ने मेहनत की है।

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