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ताे इसलिए करीब आए भाजपा व जेजेपी, नए सियासी समीकरण की वजह बने निर्दलीय MLAs

हरियाणा में भाजपा और जेजेपी यूं ही करीब नहीं आए। दोनों के गठजोड़ की वजह बने निर्दलीय विधायक। निर्दलीय विधायकों के नखरे के कारण भाजपा ने जेजेपी के साथ सरकार बनाना सही समझा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 12:59 PM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 03:30 PM (IST)
ताे इसलिए करीब आए भाजपा व जेजेपी, नए सियासी समीकरण की वजह बने निर्दलीय MLAs
ताे इसलिए करीब आए भाजपा व जेजेपी, नए सियासी समीकरण की वजह बने निर्दलीय MLAs

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन में निर्दलीय विधायक बड़ी वजह रहे। निर्दलीय विधायक यदि मनोहर सरकार के गठन से पहले अपनी कड़ी शर्तं नहीं रखते और ज्‍यादा नखरे नहीं दिखाते तो BJP और JJP  संभवत: पींगे नहीं बढ़ातीं।

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जेजेपी से समझौते की आधारशिला तब रखी गई जब एक निर्दलीय विधायक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश प्रभारी डॉ.अनिल जैन के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा तक को यह कह दिया था कि उसके पास तीन अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। इसलिए, उसे उपमुख्यमंत्री और अन्य तीनों विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया जाए। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकार इस बात को लेकर परेशान थे कि चार में से तीन एक ही बिरादरी के थे। हालांकि इनसे अलग दादरी के सोमवीर सांगवान और पृथला के नयनपाल रावत ने पहले ही भाजपा को समर्थन दे दिया था।       

इसके बाद भाजपा ने जेजेपी का रुख किया। बताया जाता है कि जेेजेपा के रणनीतिकार पहले भाजपा को समर्थन देने के लिए राजी नहीं थे। बाद में जब उनके समक्ष 2009 का उदाहरण आया तो दुष्यंत की दिल्ली में अपने पड़ोसी व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर से बात हुई। दोपहर तीन बजे यह तय हो गया था कि जेजेपी और भाजपा के बीच सरकार बनाने को लेकर गठबंधन हो गया है।

जानकारी के अनुसार, सायं छह बजे जब अमित शाह दिल्ली पहुंचे तो कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रभारी डॉ.अनिल जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला भी उनके निवास पर पहुंच गए। इन नेताओं के साथ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ जजपा से समझौते पर विस्तृत चर्चा हुई। इसके बाद अनुराग ठाकुर को आदेश दिया गया कि वे दुष्यंत चौटाला को लेकर अमित शाह की कोठी पहुंच जाएं। निर्दलीय विधायकों को जजपा के साथ हो रही बातचीत के बारे में तभी पहली बार पता चला।

जेजेपी को संगठन बढ़ाने में मिलेगी सरकारी ताकत

11 माह पुरानी जननायक जनता पार्टी की सरकार में भागीदारी यूं ही नहीं हुई। पार्टी के रणनीतिकार दिल्ली में जब यह सोच रहे थे कि सरकार में शामिल होने से संगठन का विस्तार रुक जाएगा तब एक सलाहकार ने यह भी विचार रखा कि सरकारी ताकत से संगठन का विस्तार और तेजी से होगा। दुष्यंत ने समर्थन का एलान करने से पहले पार्टी के 12 प्रमुख नेताओं से संपर्क भी किया। सभी ने जब हरी झंडी दे दी थी तो उन्होंने भाजपा के नेता अनुराग ठाकुर को अपना सकारात्मक संदेश दे दिया था। अनुराग ठाकुर और दुष्यंत चौटाला 18 जनपथ पर पड़ोसी हैं। भाजपा ने दुष्यंत तक पहुंचने के लिए अनुराग ठाकुर की जिम्मेदारी मतदान के बाद ही लगा दी थी।

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जेजेपी व निर्दलीयों को साधकर सरकार चलाएगी भाजपा

अकेले निर्दलीयों के दम पर भाजपा के रणनीतिकार मनोहर सरकार नहीं बनवाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने जजपा के समर्थन से सरकार बनाने पर जोर दिया। हालांकि पहले दौर में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला इसके लिए तैयार नहीं थे मगर जब पार्टी के रणनीतिकारों ने इसके पीछे का राजनीतिक दृष्टिकोण रखा कि अकेले निर्दलीयों के बूते सरकार बनाने से अस्थिर सरकार बनेगी। इसलिए निर्दलीयों सहित जजपा को भी साधकर यदि सरकार चलाई जाए तो न निर्दलीय और न ही जजपा सरकार को आंखें दिखा पाएगी।

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