Move to Jagran APP

Haryana Assembly Election 2019: भाजपा ने अपनाया खास सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला, जानें क्‍या है रणनीति

Haryana Assembly Election 2019 के लिए अपने प्रत्‍याशियों की घोषणा में भाजपा खास सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाया है। पार्टी ने इसमें सभी वर्गों को स्‍थान दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 04:09 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 04:09 PM (IST)
Haryana Assembly Election 2019: भाजपा ने अपनाया खास सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला, जानें क्‍या है रणनीति
Haryana Assembly Election 2019: भाजपा ने अपनाया खास सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला, जानें क्‍या है रणनीति

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Haryana Assembly Election 2019 के लिए भाजपा ने खास साेशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाया है। हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन झेल चुकी भाजपा ने इस बार टिकट वितरण के लिए इस फार्मूले को तैयार किया और इस पर काम किया। भाजपा ने गैर जाटों की राजनीति करने का लगा दाग धोने के लिए जहां जाटों को टिकट देने में खूब दरियादिली दिखाई, वहीं ब्राह्मणों, वैश्यों और पंजाबियों का भी पूरा भरोसा जीता है।

loksabha election banner

भाजपा की 78 योद्धाओं की सूची में हर जाति और वर्ग को मिला प्रतिनिधित्व

भाजपा ने जिन 78 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की, उनमें सबसे ज्यादा 17 टिकट जाटों को मिले हैं। हालांकि यह संख्या पिछले चुनाव में जाटों को दिए गए दो दर्जन टिकटों से कम है, लेकिन अभी भाजपा की 12 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान बाकी है।

जाट आरक्षण आंदोलन झेल चुकी पार्टी ने इस बार सबसे ज्यादा 17 जाटों को दिए टिकट

भाजपा में इस बार टिकट वितरण को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तो चली ही, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी पूरा हस्तक्षेप रहा। संघ के प्रमुख नेताओं की सलाह पर जाटों को उम्मीद से कहीं ज्यादा टिकट दी गई है, ताकि भाजपा पर सिर्फ गैर जाटों की राजनीति करने के आरोप लगे न रह जाएं। भाजपा का विजन 2019 का चुनाव जीतने के साथ ही 2024 के लिए माहौल बनाने का भी है और इसको ध्‍यान में रख कर टिकटों का वितरण हुआ है। पार्टी ने कुम्हार, सैनी, यादव, कांबोज और रोड बिरादरी के साथ-साथ बाकी पिछड़ी जातियों का भी ख्याल रखा गया है।

भाजपा ने मनोहर कैबिनेट के हैवीवेट मंत्री विपुल गोयल और राव नरबीर के टिकट काटकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि उसे कड़े फैसले लेने से कोई परहेज नहीं है। यह अलग बात है कि इन दोनों हैवीवेट की टिकट कटवाने में मोदी के हैवीवेट मंत्रियों कृष्णपाल गुर्जर तथा राव इंद्रजीत का अहम योगदान रहा है।

ब्राह्मणों, पंजाबियों व वैश्यों की पार्टी के नाम से मशहूर भाजपा ने रखा उनका भी ख्याल

भाजपा ने इस बार दो और बड़े फैसले लिए हैं। संभावना थी कि इस बार शहरी निकाय मंत्री कविता जैन के स्थान पर सोनीपत से उनके पति राजीव जैन को चुनाव लड़वाया जाएगा, मगर पार्टी ने कविता जैन को ही उपयुक्त उम्मीदवार माना। खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज को इंद्री से हटाकर रादौर भेजने से तीन बड़े काम हुए हैं। पहला, कर्ण देव कांबोज की टिकट कटने से बच गई। दूसरा इनेलो से आए पूर्व राज्यसभा सदस्य रामकुमार कश्यप इंद्री में एडजेस्ट हो गए। तीसरा काम रादौर के मौजूदा विधायक श्याम सिंह राणा की टिकट काटने का हुआ। पार्टी ने रादौर से राजपूत कोटे के श्याम सिंह राणा की टिकट काटकर इसी कोटे में सोहना से पूर्व मंत्री सूरजपाल सिंह के बेटे कुंवर संजय सिंह को दी है।

भाजपा को वैश्यों की पार्टी भी माना जाता रहा है। पार्टी ने फरीदाबाद में उद्योग मंत्री विपुल गोयल के स्थान पर उद्योगपति नरेंद्र गुप्ता को मौका दिया है। सोनीपत में शहरी निकाय मंत्री कविता जैन, पंचकूला में मौजूदा विधायक ज्ञानचंद गुप्ता, अंबाला सिटी में असीम गोयल, सिरसरा में प्रदीप रातुसरिया को टिकट दिए हैं। सिरसा में टिकट के लिए हालांकि इनेलो के विधायक मक्खन लाल सिंगला भी भाजपा में आए थे, मगर अब वे कहीं के नहीं रहे। हिसार में दूसरी बार डा. कमल गुप्ता को टिकट मिला है। बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो भाजपा ने तब 63 टिकट बदले थे।

भाजपा को अभी जिन 12 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा अभी बाकी है, उनमें खरखौदा को छोड़कर बाकी सभी सामान्य श्रेणी की सीटें हैं। इन सीटों पर जाटों के साथ यादवों को पूरा प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है। भाजपा की प्राथमिकता सिर्फ जीतने वाले तथा काडर बेस कार्यकर्ता रहे। भाजपा ने दूसरे दलों से आए दस विधायकों, पूर्व विधायकों व पूर्व राज्यसभा सदस्यों को सिर्फ इसलिए टिकट दिया है, क्योंकि जिन क्षेत्रों से वह आए हैं, वहां इनेलो समेत दूसरे राजनीतिक दलों का कब्जा रहा और भाजपा के एजेंडे में अब इन विधानसभा क्षेत्रों में जीत का परचम लहराना है। इसीलिए भाजपा ने विरोधी दलों को उनके अपने हथियार से मात देने की रणनीति तैयार की है।

तीन सिखों को टिकट देकर शिरोमणि अकाली दल को दिया झटका
हरियाणा में शिरोमणि अकाली दल भी चुनाव लडऩे को तैयार है। भाजपा पर सीटें नहीं देने का आरोप लगाते हुए अकाली चुनावी ताल ठोंक रहे हैं। उनकी रणनीति फेल करने को भाजपा ने इस बार तीन सिखों को टिकट दिए हैं। अकाली दल से भाजपा में आए कालांवाली के विधायक बलकौर सिंह को पार्टी ने दोबारा उन्हीं के हलके से उतारा है। पेहवा से हाकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह और असंध हलके से पूर्व सीपीएस स. बख्शीश सिंह को टिकट मिला है।

ब्राह्मणों को खुश करने में नहीं छोड़ी कसर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान फरसे वाला विवाद भी अब ब्राह्मणों को सात टिकट देने से खत्म होता नजर आ रहा है। पार्टी ने मनोहर सरकार के हैवीवेट मंत्री रामबिलास शर्मा को दोबारा महेंद्रगढ़ से चुनावी रण में उतारा है। कालका से लतिका शर्मा को टिकट मिला है। हालांकि उनकी रिपोर्ट बहुत बढिय़ा नहीं थी। समालखा से भाजपा ने अपने पुराने काडर बेस कार्यकर्ता शशिकांत कौशिक और राई से मोहनलाल कौशिक को टिकट दिया है। बल्लभगढ़ में मूलचंद शर्मा पार्टी का बड़ा चेहरा होंगे। बहादुरगढ़ में नरेश कौशिक को सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मण होने का लाभ मिला। इसके साथ ही योगेश्वर दत्त तो हैं ही बरोदा से भाजपा के पहलवान।

भाजपा के ये होंगे गुर्जर चेहरे

जगाधरी        -  कंवरपाल गुर्जर
कैथल           - लीलाराम गुर्जर (पुराने कार्यकर्ता)
सफीदों -        - पूर्व विधायक बचन सिंह आर्य
एनआईटी फरीदाबाद - मौजूदा इनेलो विधायक नगेंद्र भड़ाना
तिगांव        - राजेश नागर पुराने कार्यकर्ता
------
इन नौ पंजाबी चेहरों पर जताया भरोसा
करनाल        - सीएम मनोहर लाल
अंबाला कैंट   - स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज
यमुनानगर   - मौजूदा विधायक घनश्याम दास अरोड़ा
थानेसर       - मौजूदा विधायक सुभाष सुधा
जींद            - मौजूदा विधायक डॉ कृष्ण मिढ्ढा
हांसी          - पूर्व सीपीएस कांग्रेस से भाजपा में आए विनोद भ्याना
रोहतक        - सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर
बडख़ल        - मौजूदा विधायक सीमा त्रिखा

------------
इन जाट चेहरों पर जताया भरोसा

टोहाना - भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला
पानीपत ग्रामीण - मौजूदा विधायक महीपाल ढांडा
जुलाना - इनेलो से आए परमिंदर सिंह ढुल
ऐलनाबाद - पवन बैनीवाल
बरवाला - सुरेंद्र पूनिया
लोहारू - जेपी दलाल
गढ़ी सांपला किलोई - सतीश नांदल
बेरी - विक्रम कादियान
नारनौंद - वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु
बाढड़ा - मौजूदा विधायक सुखविंद्र मांढ़ी
उचाना कलां - मौजूदा विधायक प्रेमलता
बादली - कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़
दादरी - बबीता फौगाट
कलायत - कमलेश ढांडा
डबवाली - आदित्य देवीलाल
------------


मनोहर कैबिनेट के इन मंत्रियों पर दोबारा भरोसा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल - करनाल
शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा - महेंद्रगढ़
शहरी निकाय मंत्री कविता जैन - सोनीपत
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज - अंबाला छावनी
कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ - बादली
परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार - इसराना
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण बेदी - शाहाबाद  
खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज - रादौर (इंद्री हलका बदला)
सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर - रोहतक
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी राज्य मंत्री बनवारी लाल - बावल  
(दो मंत्री विपुल गोयल व राव नरबीर के टिकट कटे। श्रम राज्य मंत्री नायब सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद बन चुके हैं।)
---------

यह भी पढ़ें: Haryana Assembly Election 2019: कांग्रेस की सूची जारी होने से पहले ही दांगी ने दाखिल किया नामांकन

इन विधायकों के काटे टिकट

विपुल गोयल - फरीदाबाद
राव नरबीर - बादशाहपुर
संतोष सारवान - मुलाना
संतोष यादव - अटेली
श्याम सिंह राणा - रादौर
बिमला चौधरी - पटौदी
तेजपाल तंवर - सोहना
कुलवंत बाजीगर - गुहला।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.