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Haryana Assembly Election: हुड्डा की वापसी से तंवर की छिनेगी कुर्सी? बदल जाएंगे सियासत के समीकरण

Haryana Assembly Election भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बगावती तेवर खत्म हो सकते हैं। राज्‍य कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा है कि हुड्डा पार्टी छोड़कर नहीं जा रहे हैं।

By Rizwan MohammadEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 03:33 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 03:33 PM (IST)
Haryana Assembly Election: हुड्डा की वापसी से तंवर की छिनेगी कुर्सी? बदल जाएंगे सियासत के समीकरण
Haryana Assembly Election: हुड्डा की वापसी से तंवर की छिनेगी कुर्सी? बदल जाएंगे सियासत के समीकरण

नई दिल्ली, जेएनएन। Haryana Assembly Election: हरियाणा के पूर्व मुख्य मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कांग्रेस के खिलाफ बगावती तेवर खत्म हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा है कि हुड्डा पार्टी छोड़कर नहीं जा रहे हैं। बल्कि, जो भी नेता गए हैं, कांग्रेस में उनकी वापसी होने वाली है। जानकारों का मानना है कि ऐसे में तंवर की कुर्सी कांग्रेस आलाकमान हुड्डा को दे सकता है। इसके अलावा हुड्डा चुनाव अभियान का मुख्य चेहरा भी बनाए जा सकते हैं।

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राज्य की कमान नहीं मिलने से हुड्डा खफा

आगामी विधानसभा चुनाव के लिए हरियाणा कांग्रेस की कमान हुड्डा के हाथों में न सौंपे जाने से खफा पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा नई पार्टी बनाने के ऐलान के बाद से ही कांग्रेस के खेमे में बेचैनी है। पिछले दिनों फरीदाबाद में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा पार्टी छोड़कर नहीं जा रहे हैं। वह पार्टी के साथ ही रहेंगे और चुनाव में जीत दिलाने के लिए आगे आकर काम करेंगे। अशोक तंवर ने कहा कि जो भी लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं उनकी भी वापसी होगी।

हुड्डा को मिल सकती है तंवर की कुर्सी

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यीक्ष की इस बात पर जानकारों का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो अशोक तंवर की अध्यंक्ष की कुर्सी उनसे छीनी जा सकती है। इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनाव की कमान भी उनके हाथों से निकल जाएगी। जानकारों का कहना है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुनाव में पार्टी की कमान न मिलने के विरोध के तौर पर बगावती तेवर अख्तियार किया था। ऐसे में अगर वह पार्टी में उसी शर्त पर वापसी करेंगे, जब वह अपनी मांग को पूरा करा लेंगे। वैसे भी भूपेंद्र सिंह कांग्रेस के दिग्गज लीडर हैं और अशोक तंवर से ज्यादा उनका प्रभाव राज्य की सियासत में माना जाता है।

बदलेगा सियासत का समीकरण

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कांग्रेस में बने रहने पर भाजपा की मुख्य लड़ाई कांग्रेस के साथ ही रहेगी। जबकि, हुड्डा के अलग पार्टी बनाने पर विपक्ष कमजोर हो जाएगा, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा। वैसे भी पहले से हरियाणा के अन्य दलों में फूट पड़ी हुई है। ऐसे में हुड्डा की वापसी राज्य की सियासत का समीकरण बदल देगी।  


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