Move to Jagran APP

Haryana Assembly Election 2019: पहली 'जंग' में ही हारे 345 प्रत्याशी, टूटा चुनाव लड़ने का सपना

Haryana Assembly Election 2019 में नामांकन पत्रों की जांच का कार्य पूरा हो गया है। इसमें 345 प्रत्‍याशियों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 10:36 AM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 10:36 AM (IST)
Haryana Assembly Election 2019: पहली 'जंग' में ही हारे 345 प्रत्याशी, टूटा चुनाव लड़ने का सपना
Haryana Assembly Election 2019: पहली 'जंग' में ही हारे 345 प्रत्याशी, टूटा चुनाव लड़ने का सपना

चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Assembly Election 2019  के चुनावी रण में उतरे 345 प्रत्याशी पहली 'जंग' में ही हार गए। निर्वाचन विभाग ने दस्तावेजों में खामियों के बाद 342 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए, जबकि तीन प्रत्याशियों ने खुद पर्चा वापस ले लिया। अब सभी 90 सीटों पर कुल 1501 प्रत्याशी बचे हैं जिनमें से कई उम्मीदवार सोमवार को मैदान से हट सकते हैं।

loksabha election banner

दस्तावेजों में खामियों के चलते निर्वाचन विभाग ने निरस्त किए नामांकन पत्र

पिछले विधानसभा चुनाव में 1351 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे, जबकि इस बार कुल 1846 उम्मीदवारों ने निर्वाचन अधिकारियों के पास नामांकन कराया। जांच के दौरान 342 नामांकन पत्र चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतरे। किसी ने दस्तावेजों में खामियां छोड़ दी तो कोई आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण चुनाव लडऩे का पात्र नहीं पाया गया। नतीजतन निर्वाचन विभाग ने इन प्रत्याशियों की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया।

संख्या की बात करें तो इस बार हिसार जिले में सर्वाधिक 167 'सूरमा' ताल ठोक रहे हैं। इसी तरह भिवानी, जींद और सोनीपत जिले में सौ से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। सबसे कम चरखी दादरी जिले में 38 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा, जबकि पंचकूला में उम्मीदवारों की संख्या 41 पर सिमट गई।

-----

चुनाव में पहली बार सभी 90 हलकों में लागू होगी वीवीपैट प्रणाली

Haryana Assembly Election 2019 में लोकसभा चुनावों की तर्ज पर मतदाताओं को वोट का सुबूत मिलेगा। इस बार सभी मतदाताओं को वोट का सुबूत मिलेगा। चुनाव आयोग पहली बार विधानसभा चुनावों में सभी पोलिंग बूथों पर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के साथ वीवीपैट (वोट वेरिफायर पेपर ऑडिट ट्रायल) मशीनें लगाने जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ थानेसर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक व गुडग़ांव हलकों में ही इस मशीन का प्रयोग किया गया था।

वीवीपैट के जरिये मतदाता अपना वोट डालने के बाद तसदीक कर सकेंगे कि उनका मत सही जगह व प्रत्याशी को गया है या नहीं। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इंद्रजीत ने बताया कि 19 हजार 442 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा जिसके लिए 26 हजार 329 ईवीएम और 27 हजार 996 वीवीपैट मशीनें रखी गई हैं। वीवीपैट मशीनों के जरिये मतदाता सुनिश्चित कर सकेगा कि वोट मनचाहे प्रत्याशी को ही गया है।

यह है वीवीपैट प्रणाली

वीवीपैट प्रणाली के तहत जब मतदाता ईवीएम में अपनी पसंद के उम्मीदवार के लिए बटन दबाता है तो कागज की एक पर्ची पर उसका सीरियल नंबर, उम्मीदवार का नाम व चुनाव चिन्ह छप जाता है। मतदाता इसकी पुष्टि कर सकते हैं। यह रसीद चुनाव आयोग के पास मत के रूप में संरक्षित रहती है। इससे मतदान संबंधी धोखाधड़ी या मशीन में किसी भी तरह की गड़बड़ी का पता लगाया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.