Kurukshetra, Haryana Lok Sabha Election 2019 महाभारत की धरती पर सैनी व निर्मल की सीधी टक्कर
कुरुक्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है। यहां प्रदेश के मंत्री नायब सिंह सैनी भाजपा के उम्मीदवार हैं तो पूर्व मंत्री निर्मल सिंह कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं।
कुरुक्षेत्र [पंकज आत्रेय]। कुरुक्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है। यहां प्रदेश के मंत्री नायब सिंह सैनी भाजपा के उम्मीदवार हैं तो पूर्व मंत्री निर्मल सिंह कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं। भाजपा के पिछली बार के सांसद राजकुमार सैनी अलग पार्टी बना चुके हैं और कांग्रेस के नवीन जिंदल ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। ऐसे में इस सीट पर दोनों दलों के लिए बड़ी चुनौती है। प्रधानमंत्री मोदी की रैली के बाद समीकरण भाजपा की ओर झुक सकते हैं, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी सीट सोनीपत के अलावा कुरुक्षेत्र में भी खूब दम लगाया है। यहां का चुनाव परिणाम नायब सिंह सैनी को जहां हरियाणा की राजनीति में नई ऊंचाई देगा, वहींं अरसे से नेपथ्य में रहे निर्मल सिंह के सियासी करियर को भी संजीवनी मिलेगी।
लोकसभा चुनाव की महाभारत का कुरुक्षेत्र और मुख्य रूप से चार योद्धा मैदान में हैं। 16 लाख 51 हजार 646 मतदाता भाजपा, कांग्रेस, इनेलो व जजपा-आप गठबंधन के बीच जीत-हार की जंग और फैसला करेंगे। कोई लहर पर बैठकर चुनावी वैतरणी पार करने के इरादे रखे है तो कोई जातीय समीकरण को ढाल बनाकर बहुमत का ख्वाब पाले हैं।
बहरहाल, पोलिंग बूथों पर पहुंचने वाला हर मतदाता इन पार्टियों के प्रत्याशियों का भाग्य विधाता होगा। मुख्य मुकाबला इन चार दलों में माना जा रहा है। इस सीट पर चुनावी नतीजों को इस बार कई चीजें प्रभावित करेंगी, जिनमें सबसे अहम वर्ष 2016 में शुरू हुए जाट आरक्षण आंदोलन और उसके ऑफ्टर इफेक्ट्स हैं। राजनीतिक दलों की रैलियों और प्रचार के भाषणों में हर बार इसका जिक्र हुआ। यानि इस मुद्दे को चुनाव में भुनाने की पूरी कोशिश की गई।
नायब को झेलना पड़ा
भाजपा के उम्मीदवार नायब सैनी प्रदेश में श्रम, खनन एवं रोजगार राज्य मंत्री हैं। उन्होंने मोदी के नाम के साथ-साथ प्रदेश सरकार के कामों के आधार पर वोट मांगे। हालांकि पिछले सांसद राजकुमार सैनी के बेबाक बोलों का खामियाजा उन्हें कुछ जगह विरोध और हमले के रूप में झेलना भी पड़ा। सत्ताधारी दल के इस उम्मीदवार के पक्ष में खुद नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र में आकर रैली तो की ही, दूसरे स्टार प्रचारक भी आए। इनमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा बॉलीवुड अभिनेता सनी देयोल, डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर खली और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल रहे।
निर्मल सिंह का लंबा अनुभव
कांग्रेस के प्रत्याशी निर्मल सिंह के पास राजनीति का लंबा अनुभव है। वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नजदीकी रहे और प्रदेश की कांग्रेस सरकार में दो बार मंत्री रहे। अंबाला से वे चार बार विधायक बने। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खासमखास माने जाते हैं और धड़ों में बंटी पार्टी की फूट उनके लिए चुनौती रहेगी। यहां से दो बार सांसद रहे नवीन जिंदल के चुनाव लड़ने से इन्कार करने के बाद पार्टी ने आखिरी वक्त पर उन्हें टिकट थमाया, लेकिन अब भाजपा को टक्कर देते नजर आ रहे हैं। उनके प्रचार में खुद नवीन जिंदल ने मोर्चा संभाला तो पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भी लगे रहे।
खानदानी राजनीति के अर्जुन
इनेलो के उम्मीदवार अर्जुन चौटाला प्रदेश की राजनीति के बड़े खानदान देवीलाल परिवार से आते हैं। नेता प्रतिपक्ष रहे अभय चौटाला के छोटे बेटे अर्जुन चौटाला के चुनाव का मीटर तेजी से उठा और वे दूसरी पार्टियों के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं। परदादा ताऊ देवीलाल के नाम, दादा पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के जेल में होने की संवेदना और सबसे युवा होने का हवाला देकर वे मैदान में डटे।
सक्रिय राजनीति में यह अर्जुन चौटाला की लॉंचिंग है। बता दें कि कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर सबसे लंबे समय तक इसी पार्टी के नेताओं का वर्चस्व रहा है। यही कारण है कि ओमप्रकाश चौटाला और अभय चौटाला ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र को सौंप देने की बात कही। अर्जुन के स्टार प्रचारक उनकी मां कांता चौटाला, पिता अभय चौटाला, चाची सुनैना चौटाला, बुआ और बहनों के साथ पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा व रामपाल माजरा रहे।
जयभगवान का स्थायी लिंक
जजपा-आप प्रत्याशी जयभगवान शर्मा डीडी की छवि एक दबंग नेता के रूप में है। उनके हक में कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र का स्थायी प्रत्याशी होना जाता है। गांव के सरपंच से लेकर सांसद के चुनाव तक का सफर उन्होंने अपने बूते तय किया। जजपा के संंरक्षक अजय चौटाला के पुराने मित्र हैं और इसी के चलते भाजपा को छोड़कर उनके साथ चले गए। टिकट मिला। 2014 में उन्होंने पिहोवा विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और 40 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए। अनदेखी के चलते बागी सुर अपना लिए और खुलकर भाजपा के खिलाफ बोले। उनके स्टार प्रचारक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पार्टी सांसद दुष्यंत चौटाला और पंजाब के आप सांसद भगवंत मान रहे।
भाग्य विधाता मतदाता
लोक सभा लोकसभा क्षेत्र के कुल 16 लाख 51 हजार 646 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिसमें आठ लाख 77 हजार 320 पुरूष मतदाता होंगे और सात लाख 74 हजार 313 के आस-पास महिला मतदाता होंगे। इस लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्र शामिल किए गए हैं, जिनमें चार कैथल जिले में हैं, चार कुरुक्षेत्र में हैं और एक विधान सभा क्षेत्र रादौर यमुनानगर जिले में है। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 47 फीसदी वोट महिलाओं के हैं।
कुरुक्षेत्र में लाडवा, शाहाबाद, थानेसर, पिहोवा, रादौर, गुहला, कलायत, कैैथल व पूंडरी विधानसभा क्षेत्र के मतदाता अपने वोट का प्रयोग करेंगे। कुल सात लाख दो हजार 171 वोटों में से तीन लाख 33 हजार 393 वोट महिलाओं के शामिल हैं। कैथल की गुहला, कैथल, कलायत और पूंडरी विधानसभा क्षेत्रों में कुल सात लाख 57 हजार 240 मतदाता हैं। रादौर विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 92 हजार 235 मतदाताओं में 89 हजार 152 महिला मतदाता व 567 सर्विस वोटर शामिल हैं।
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