भिवानी-महेंद्रगढ़ में नमो नाम ओर बंसी परिवार का मुकाबला, JJP को तिकोने की उम्मीद
लोकसभा चुनाव 2019 में भिवानी महेंद्रगढ़ सीट पर इस बार नमो नाम और बंसीलाल परिवार के बीच मुकाबला दिख रहा है। इसके बीच जेजेपी केा इसे तिकोना बनाने की उम्मीद है।
भिवानी। लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार शाम प्रचार थम गया और अब 12 मई को होनेवाले मतदान का इंतजार है। ऐसे में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट का गणित समझें तो एक बात नजर आती है कि यहां पर मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम बनाम बंसीलाल परिवार के बीच है। कांटे के मुकाबले में कांग्रेस को अपनी उम्मीदवार श्रुति चौधरी और बंसीलाल परिवार की पकड़ से जीत की उम्मीद है। दूसरी ओर भाजपा उम्मीदवार धर्मबीर सिंह को सिर्फ नमो (नरेंद्र मोदी) के नाम का सहारा है। इन सब के बीच जननायक जनता पार्टी की प्रत्याशी को मुकाबला तिकोना होने की उम्मीद है। पेश है भिवानी-महेंद्रगढ़ से महेश कुमार वैद्य की रिपोर्ट-
शाम के तीन बजे हैं। सूरज ढलान पर है। तेज धूप के कारण सड़कों पर अभी रौनक थोड़ी कम है, लेकिन पेड़ों की गहरी छांव के नीचे जगह-जगह बिना बैनर की चुनावी चौपालें सजी हुई है। भिवानी के प्रेक्षा विहार के निकट थोड़ी चहल-पहल देखी तो हम भी भीड़ को हिस्सा बन गए। किसी से कुछ पूछने की जरूरत ही नहीं महसूस हुई क्योंकि आम जन खुद भी इस समय चुनावी चर्चा में व्यस्त हैं।
व्यापारी नेता अशोक बुवानीवाला जब कांग्रेस की पोजिशन बेहतर होने की बात करने लगे तो बात काटने के लिए दो भाजपा समर्थक भी तैयार थे। लोहारू के अरुण ने कहा कि भाई भिवानी शहर में मोदी का शोर ज्यादा है, लेकिन बंसी की पोती (कांग्रेस उम्मीदवार श्रुति चौधरी और पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल की पौत्री) भी कम नहीं है।
भिवानी को कब से छोटी काशी कहा जाता है यह किसी को ध्यान नहीं है, परंतु बॉक्सिंग में अंतरराष्ट्रीय पहचान का अपना गौरवशाली इतिहास यहां के युवाओं की जुबान पर है। इसी कारण भिवानी को मिनी क्यूबा कहा जाता है। यहां मुक्केबाजी की सबसे अधिक अकादमी और क्लब हैं।
भिवानी से निकलकर मैं कितलाना, मकराना व चिड़िया सहित कई गांवों में पहुंचता हूं। चुनावी मिजाज समझने के लिए एक दिन पहले दूसरे रूट पर जा चुका हूं। किसी उम्मीदवार की जीत की सटीक भविष्यवाणी करना आसान नहीं है, लेकिन चौपाल पर भविष्य के संकेत मिल रहे हैं। मोदी-मोदी के सामने भाजपा उम्मीदवार का चेहरा गौण है। धर्मबीर के लिए राहत की बात यह है कि यहां की गांव-गली व मोहल्लों में नमो-नमो का शोर गूंज रहा है। श्रुति के लिए राहत की बात यह है कि कांग्रेस विधायक दल की नेता व उनकी मां किरण चौधरी खुद चुनाव की कमान संभाले हुए हैं। हुड्डा सरकार में जनस्वास्थ्य मंत्री रहते किरण चौधरी ने श्रुति के इलाके में पानी की तरह पैसा खर्च किया था।
इनेलो के दो फाड़ होने के बाद अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी की प्रत्याशी स्वाति यादव मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का पूरा प्रयास कर रही है। उन्हें कांग्रेस व भाजपा के जाट उम्मीदवारों के बीच अपने लिए जीत की जगह बनने की उम्मीद है, लेकिन इनेलो व लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी से भी यादव उम्मीदवार मैदानमें होने से जजपा का गणित फंस रहा है। इनेलो ने बलवान यादव फौजी को व लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी ने रमेश राव पायलट पर दांव लगाया है। इन पांच उम्मीदवारों सहित कुल 21 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं।
भिवानी-महेंद्रगढ़ पर कब्जा करने के लिए राहुल गांधी यहां का दौरा कर चुके हैं। भाजपा से भी स्टार प्रचारक आ चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी शुक्रवार को चरखी दादरी में रैली को संभिवानी को वीआइपी सीट बनाने वाले चौ. बंसीलाल मुख्यमंत्री तो रहे और तीन बार भिवानी से सांसद भी रहे।
बंसीलाल की इंदिरा गांधी से निकटता ने हरियाणा के हर गांव में बिजली पहुंचाई थी व नहरों का जाल बिछाया था। महेंद्रगढ़ में तब राव बिरेंद्र सिंह का रुतबा था। 2014 के चुनाव में भाजपा के धर्मबीर सिंह को चार लाख चार हजार 542, इनेलो के राव बहादुर सिंह को दो लाख 75 हजार 148 व कांग्रेस की श्रुति चौधरी को दो लाख 68 हजार 115 वोट वोट मिले थे।
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