Lok Sabha Election 2019: सुरक्षा बलों के हवाले ईवीएम और वीवीपैट मशीनें, जानें कैसी है सुरक्षा
हरियाणा में Lok sabha Election 2019 में मतदान का कार्य पूरा हो चुका है। इसके बाद अब ईवीएम और वीवीपैट मशीनें की बेहद कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 के लिए हरियाणा में मतदान के बाद इलेक्ट्रानिक वोटिंग (ईवीएम) और वोटर वैरीफाइबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनें बेहद कड़ी सुरक्षा में रख दी गई हैं। इनको केंद्रीय सुरक्षा बलों के हवाले किया गया हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर इन मशीनों को सुरक्षित रखने के लिए 39 स्थानों पर 90 स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं। मतगणना 23 मई को होगी और तब तक ये कड़ी सुरक्षा में रखी जाएंगी।
39 स्थानों पर बनाए गए 90 स्ट्रांग रूम, भीतर सीसीटीवी कैमरों से रहेगी निगाह
राज्य में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की ईवीएम और वीवीपैट मशीनें संबंधित संसदीय क्षेत्र में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखी गई हैं। किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए स्ट्रांग रूम के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात हैं तथा स्ट्रांग रूम के भीतर सीसीटीवी कैमरों से निगाह रखी जा रही है।
थ्री टायर सिक्योरिटी सिस्टम में रखी गई मशीनें, चुनाव एजेंट भी कर सकेंगे रखवाली
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी के आरोपों से बचने के लिए चुनाव आयोग ने ईवीएम व वीवीपैट मशीनों को कड़ी सुरक्षा में रखने की कार्य योजना तैयार की है। प्रदेश के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. इंद्रजीत के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार स्ट्रांग रूम तैयार किए गए हैं। रिटर्निंग अधिकारी तीन बार स्ट्रांग रूम का विजिट कर सकेगा।
स्ट्रांग रूम में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को रखने और कमरे को सील करने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। रूम का केवल एक ही दरवाजा होगा। यदि स्ट्रांग रूम में एक से अधिक दरवाजे हैं तो एक दरवाजे को छोड़ कर बाकी सभी दरवाजों और खिड़कियों को सील कर दिया जाएगा। रूम को डबल लॉक किया जाएगा।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्ट्रांग रूम को थ्री-टायर सिक्योरिटी सिस्टम में रखने के निर्देश दिए हैं। उम्मीदवारों या उनके चुनाव एजेंट भी स्ट्रांग रूम की रखवाली कर सकेंगे। उन्हें स्ट्रांग रूम के बाहर शौचालय, पीने का पानी और शेड की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी, ताकि वे आने जाने वालों को निगाह रख सकें। स्ट्रांग रूम परिसर तक आने और जाने वालों के लिए लॉग बुक लगाई जाएगी, जिसमें उनकी उपस्थिति दर्ज होगी। लॉग बुक को रिटर्निंग अधिकारी या जिला निर्वाचन अधिकारी अपनी देखरेख में रखेगा।
डाॅ. इंद्रजीत के अनुसार केंद्रीय चुनाव आयोग की हिदायतों के अनुसार स्ट्रांग रूम को केवल आपातकालीन स्थिति जैसे आग लगना, बाढ़ आना या भूकंप आने की स्थिति में ही खोला जा सकता है। रूम को खोलने से पहले आयोग को बताना होगा और आयोग की अनुमति प्राप्त होने पर ही स्ट्रांग रूम को खोला जा सकता है।
आपातकालीन स्थिति में स्ट्रांग रूम से ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को रिटर्निंग अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी, उम्मीदवारों या उनके चुनावी एजेंट तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की मौजूदगी में दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप