हरियाणा में भाजपा व अकालियों की दोस्ती से बदले समीकरण, चार सीटों पर होगा सीधा असर
लोकसभा चुनाव 2019 में हरियाणा में भाजपा और शिअद की दोस्तीे से कई सीटों पर समीकरण बदल गए हैं। इस दोस्ती का राज्य की चार सीटों पर सीधा असर पड़ सकता है।
चंडीगढ़, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 हरियाणा में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल की दोस्ती से कई सीटों पर समीकरण बदलेगा। इस गठबंधन का चार लोकसभा सीटों पर सीधा असर पड़ेगा। राज्य में करनाल, अंबाला, कुरुक्षेत्र और सिरसा लोकसभा सीटें ऐसी हैैं, जहां सिख मतदाताओं का अच्छा खासा दखल है।
राज्य की दो दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर सिख मतदाता निर्णायक की भूमिका में हैैं। डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद भाजपा को जो राजनीतिक नुकसान हुआ है, भाजपा-अकाली दल के गठजोड़ के बाद उसकी भरपाई होने के पूरे आसार बन गए हैैं।
डेरा मुखी के जेल जाने से हुए नुकसान की भरपाई करने में मिलेगी मदद
हरियाणा में सिख मतदाताओं की संख्या 13 लाख से अधिक है। राज्य में इतनी ही सीटें डेरा प्रेमियों के प्रभाव वाली हैं। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद भाजपा को इस वोट बैंक को साधने की चिंता सता रही थी।
करनाल, अंबाला, कुरुक्षेत्र और सिरसा लोकसभा सीटों पर लाभ की संभावना
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हालांकि डेरे की राजनीतिक विंग से संपर्क करने की बात भी कही थी, लेकिन जिस तरह से अचानक अकाली दल के साथ समझौते की बात सामने आई है, उससे भाजपा की चिंता काफी हद तक कम हो गई है। पंजाब में 13 लोकसभा सीटें हैं। वहां अकाली दल 10 तथा भाजपा तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि पिछला विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ा गया था। पंजाब में विधानसभा की 117 सीटें हैं। भाजपा ने 23 और अकाली दल ने 94 विधानसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा था। इस समय पंजाब में भाजपा के तीन तथा अकाली दल के 14 विधायक हैं।
हरियाणा में कालांवाली विधानसभा सीट से एकमात्र अकाली दल विधायक बलकौर सिंह हैं, जो इनेलो के सहयोग से जीतकर आए थे, लेकिन इनेलो के दोफाड़ होने के बाद बलकौर सिंह के जननायक जनता पार्टी में जाने की चर्चाएं हुई। बादल के हस्तक्षेप के बाद बलकौर अपनी पार्टी में ही मौजूद हैं।
परिवार की दोस्ती भी नहीं आई चौटाला बंधुओं के काम
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवारों के बीच मित्रता किसी से छिपी नहीं है। बादल पूर्व उप प्रधानमंत्री देेवीलाल के अभिन्न मित्रों में रहे। इस दोस्ती को सुखबीर बादल और ओमप्रकाश चौटाला के साथ भी निभाया।
आगे उनके परिवार के सदस्यों में भी इसी तरह की दोस्ती है, लेकिन एसवाईएल नहर निर्माण के मुद्दे पर इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने पंजाब में अकाली दल से अपने रिश्ते खत्म कर दिए थे। इससे पहले अकाली दल और इनेलो मिलकर एक दूसरे का राजनीतिक समर्थन करते रहे हैं। चौटाला परिवार की लड़ाई को सुलझाने के लिए बादल ने कई बार प्रयास किए मगर वे सिरे नहीं चढ़ पाए।
'सीएम और सुभाष बराला के प्रयास लाए रंग'
'' हरियाणा में भाजपा को अकाली दल का बिना शर्त समर्थन मिला है। अकाली दल नेतृत्व ने माना कि जब बाकी राज्यों में भाजपा और अकाली दल सहयोगी हैैं तो हरियाणा में भी इस दोस्ती को निभाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के प्रयास रंग लाए हैैं। हमारी पार्टी सहयोग के लिए डेरे की राजनीतिक विंग से भी संपर्क साधेगी।
- राजीव जैन, मीडिया सलाहकार, सीएम हरियाणा।