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Lok Sabha Elections : महागठबंधन न होने से Congress दिग्गजों पर बढ़ा चुनाव लड़ने का दबाव

महागठबंधन नहीं होने के बाद अब Congress दिग्गजों पर खुद चुनावी रण में उतरने का दबाव बढ़ेगा। पार्टी ने अभी चार सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 10:20 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 05:33 PM (IST)
Lok Sabha Elections :  महागठबंधन न होने से Congress दिग्गजों पर बढ़ा चुनाव लड़ने का दबाव
Lok Sabha Elections : महागठबंधन न होने से Congress दिग्गजों पर बढ़ा चुनाव लड़ने का दबाव

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में जननायक जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और Congress के बीच महागठबंधन नहीं होने के बाद अब Congress दिग्गजों पर खुद चुनावी रण में उतरने का दबाव बढ़ेगा। Congress ने छह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर रखी है, जबकि चार लोकसभा सीटें करनाल, सोनीपत, कुरुक्षेत्र और हिसार अभी बाकी हैैं। हिसार और करनाल में Congress दिग्गज अपने बेटों के लिए टिकट की पुरजोर पैरवी कर रहे हैैं।

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भाजपा के रास्ते में अड़चन पैदा करने की मंशा से पिछले काफी समय से हरियाणा में महागठबंधन के प्रयास चल रहे थे, मगर लोकसभा के बजाय विधानसभा चुनाव पर निगाह टिकाए बैठे Congress दिग्गज इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्हें लग रहा कि यदि लोकसभा में महागठबंधन हो गया कि विधानसभा चुनाव में Congress को तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यही महागठबंधन विधानसभा चुनाव में भी बरकरार रखने का दबाव बनता। तब बड़ी परेशानी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर पैदा होती। दरअसल, हरियाणा में Congress का लक्ष्य लोकसभा चुनाव से अधिक विधानसभा चुनाव है।

Congress हाईकमान रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा, भिवानी-महेंद्रगढ़ में Congress विधायक दल की नेता किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी, अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री कु. सैलजा, सिरसा में हरियाणा Congress के अध्यक्ष डा. अशोक तंवर, गुरुग्राम में पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव और फरीदाबाद में Congress विधायक ललित नागर को चुनाव मैदान में उतार चुका है। ललित नागर को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों की गिनती Congress के दिग्गज नेताओं में होती है। इन सभी दिग्गजों का पूरा फोकस अपनी-अपनी सीट पर बना हुआ है। उन्हें एक दूसरे के लोकसभा क्षेत्र की जरा भी चिंता नहीं है।

महागठबंधन के प्रयास फेल हो जाने के बाद अब हाईकमान बाकी बचे Congress दिग्गजों भूपेंद्र सिंह हुड्डा, नवीन जिंदल, कुलदीप बिश्नोई और कुलदीप शर्मा पर खुद चुनाव लड़ने का दबाव बना सकता है। हाईकमान हुड्डा को सोनीपत से चुनाव लड़ाना चाहता है, लेकिन हुड्डा 22 अप्रैल को कु. सैलजा, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और ललित नागर के नामांकन पत्र भरने के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। उनका यह शेड्यूल जारी हो चुका है, जिसके बाद लगता है कि हुड्डा किसी सूरत में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और Congress के स्टार प्रचारक की भूमिका में रहेंगे।

फरीदाबाद से प्रत्याशी बनाए गए ललित नागर की गिनती हुड्डा समर्थकों में होती है। हिसार में Congress हाईकमान कुलदीप बिश्नोई को चुनाव लडऩे के लिए कह सकता है, लेकिन जिस तरह से जजपा ने दुष्यंत चौटाला और भाजपा ने बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को चुनावी रण में उतारा है, उसके मद्देनजर कुलदीप अपने बेटे भव्य बिश्नोई को ही टिकट देने के लिए Congress हाईकमान को मना लें।

करनाल में पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा अपने बेटे चाणक्य शर्मा के लिए प्रयास कर रहे हैैं। हुड्डा की बजाय कुलदीप शर्मा को यदि सोनीपत में टिकट दिया गया तो करनाल में चाणक्य को टिकट नहीं मिलेगा। Congress हाईकमान सबसे अधिक दुविधा में Congress की सीट को लेकर है। हाईकमान चाहता है कि तमाम तरह के दबाव को दरकिनार कर पूर्व सांसद एवं उद्योगपति नवीन जिंदल खुद चुनाव लड़ें। अगर हाईकमान अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाया तो यहां नए चेहरे पर दांव खेला जाएगा।

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