भाजपा के प्रत्याशी: करनाल, कुरुक्षेत्र और सिरसा में मजबूरी में बदलने पड़े चेहरे
Loksabha Electon 2019 के लिए भाजपा ने तीन सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं। पार्टी को करनाल कुरुक्षेत्र और सिरसा में मजबूरी में प्रत्याशी बदलने पड़े हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Loksabha Election 2019 में हरियाणा में 'मिशन10' का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही भाजपा ने अपने आठ प्रत्याशियों की घोषणा की है। इसमें यह साफ दिखा है कि टिकटों का आवंटन करते समय किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नजर नहीं आई। भाजपा ने अधिकतर पुराने चेहरों पर ही दांव खेला। सिरसा, करनाल और कुरुक्षेत्र में नए चेहरे चुनाव मैदान में उतारना भाजपा की मजबूरी थी। पार्टी ने यहां टिकटों का आवंटन करते समय पुराने जातीय समीकरणों का भी पूरा ख्याल रखा है।
टिकटों के आवंटन में पूरी सावधानी, रिस्क लेने के मूड में नहीं दिखी भाजपा
भाजपा को कुरुक्षेत्र में राजकुमार सैनी की बगावत के बाद नया प्रत्याशी उतारना था तो करनाल में वर्तमान सांसद अश्विनी चोपड़ा की अस्वस्थता के कारण प्रत्याशी बदलना पड़ा। 2014 में सिरसा सीट पिछली बार उस समय कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हजकां के हिस्से में गठबंधन के कारण गई थी। इस बार भाजपा यहां चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने कुरुक्षेत्र से नायब सिंह सैनी, करनाल से संजय भाटिया और सिरसा से सुनीता दुग्ग्ल को प्रत्याशी घोषित किया है।
राजकुमार सैनी अश्वनी चोपड़ा
भाजपा ने 10 में से आठ लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करते समय जातीय समीकरणों की कतई अनदेखी नहीं की। सिर्फ जीतने वाले चेहरों पर ही पार्टी ने दांव खेला है। रोहतक और हिसार लोकसभा सीटें ऐसी हैैं, जो भाजपा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैैं। रोहतक में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और हिसार में जननायक जनता पार्टी के सांसद दुष्यंत चौटाला भाजपा के लिए बड़ी चुनौती हैैं।
मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर नए प्रत्याशी की मुश्किलें नहीं बढ़ाना रणनीति का हिस्सा
भाजपा को इन दोनों लोकसभा सीटों पर ऐसे प्रत्याशियों की तलाश है, जो रोहतक में दीपेंद्र और हिसार में दुष्यंत व कुलदीप बिश्नोई को मात दे सके। लिहाजा दोनों सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान फिलहाल रोक दिया गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इन दोनों सीटों पर आंतरिक सर्वे करा रहे हैैं। भाजपा हाईकमान ने अपने स्तर पर कराए गए सर्वे के आधार पर ही बाकी आठ लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है।
नए चेहरों पर दांव खेलते हुए जातीय समीकरणों को भी नहीं किया गया नजरअंदाज
भाजपा ने करनाल, कुरुक्षेत्र और सिरसा में मजबूरी में टिकट बदले हैैं। करनाल के मौजूदा सांसद अश्विनी चोपड़ा की टिकट काटने के पीछे उनकी अस्वस्थता का हवाला दिया गया, मगर भाजपा ने यहां पंजाबी की टिकट काटकर पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पानीपत के संजय भाटिया पर ही दांव खेला है। हालांकि चंद्र प्रकाश कथूरिया और चौ. वेदपाल भी यहां से टिकट मांग रहे थे।
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कुरुक्षेत्र में राजकुमार सैनी की जगह नया प्रत्याशी उतारना ही था। राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी को ही टिकट दिया है। भाजपा ने किसी बिरादरी की नाराजगी मोल लेने का कोई रिस्क नहीं लिया। साथ ही पांच मौजूदा सांसदों को टिकट देकर उनकी जीतने की चुनौती भी बढ़ा दी है। यदि किसी सांसद का टिकट कटता तो पार्टी को उनके विरोध का सामना करना पड़ सकता था। सिरसा में सुनीता दुग्गल को टिकट देकर दलित व महिला कार्ड एक साथ खेले हैैं।
कैबिनेट मंत्री पर नहीं खेला दांव, राज्य मंत्री की निकली लाटरी
भाजपा ने हरियाणा में किसी कैबिनेट मंत्री पर टिकट का दांव नहीं खेला है। इसका संकेत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला पहले ही दे चुके थे। उनके बयान के बाद हालांकि कैबिनेट रैैंक के मंत्रियों में आक्रोश भी पनपा, लेकिन आखिरकार बराला का संकेत सही साबित हुआ। भाजपा ने सिर्फ राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी पर ही टिकट का दांव खेला है।