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पीएम मोदी का गुजरात चुनाव प्रचार पूरी तरह से फेल: शिव सेना

पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि, सम्मेलनों के दौरान किस प्रकार वे नाटकीय ढंग से कभी बहुत भावुक हो जाते हैं तो कभी काफी गुस्सैल हो जाते हैं।

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 11 Dec 2017 01:07 PM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 01:16 PM (IST)
पीएम मोदी का गुजरात चुनाव प्रचार पूरी तरह से फेल: शिव सेना
पीएम मोदी का गुजरात चुनाव प्रचार पूरी तरह से फेल: शिव सेना

मुंबई (आइएएनएस)। शिवसेना ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर जमकर तीखे प्रहार किये। शिवसेना ने पीएम मोदी द्वारा हाल ही में किये गुजरात चुनाव के लिए किए गए प्रचार को पूरी तरह से असफल बताया। शिवसेना के मुखपत्र सामना में आए लेख में कहा गया कि, मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए 'विकास' के मुद्दे को ना उठाते हुए मुगलकालीन मुद्दे को उठाया। लेख में यह भी कहा गया कि, गुजरात की जनता 22 साल पहले ही वैध कारणों से कांग्रेस को नकार चुकी है, और अब पीएम मोदी अपने गृहराज्य में विकासकार्यों को मुद्दा ना बनाते हुए 'तू तू- मैं मैं' की नीति अपना रहे हैं।

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पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, सम्मेलनों के दौरान किस प्रकार वे नाटकीय ढंग से कभी बहुत भावुक हो जाते हैं तो कभी काफी गुस्सैल हो जाते हैं। कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा की ये तरीका काफी आश्चर्यजनक है। मणिशंकर अय्यर के द्वारा कहे गए 'नीच' शब्द का भी उल्लेख किया। मोदी ने इसके जवाब में कहा कि अय्यर का यह बयान गुजरात की जनभावना को ठेस पहुंचाना है। हालांकि यह मुद्दा मणिशंकर अय्यर के द्वारा माफी मांगे जाने पर ही खत्म हुआ, इसके साथ ही अय्यर को काग्रेस पार्टी से भी निष्काषित कर दिया गया।

शिवसेना ने कहा कि मोदी ने अपने इस बयान से अपनी गरिमा लगभग खो दी है। सबको यह विश्वास था कि मोदी देश के स्वाभिमान के लिए खड़े होते हैं लेकिन गुजरात में अपने बयानों से वे राष्ट्रीय स्तर के नेता नहीं बल्कि क्षेत्रीय स्तर के नेता की तरह अपनी छवि छोड़ गए। 

शिवसेना ने भाजपा के गुजरात चुनाव अभियान को एक ड्रामा करार दिया। तर्क दिया कि क्योंकि भावुक भाषण, आंसू, तांडव और अंत में पीएम का ये कहना कि सभी देशवासी मेरा परिवार है। यह भी कहा कि, इसका क्या ये मतलब है कि पूर्व के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे शीर्ष नेताओं का देशवासियों से कोई संबंध नहीं था। एक समय था जब इंदिरा गांधी ने देश के लिए कुर्बानी दी, कईयों ने सालों जेल में गुजार दिया क्योंकि उन्होंने पूरे देशवासियों को अपना परिवार माना। इतना ही नहीं, सीमा पर शहीद हो रहे सैनिक भी इसी परिवार का हिस्सा हैं।

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