दिल्ली विधानसभा में उठा गंदे पानी की आपूर्ति का मुद्दा, वॉकआउट कर धरने पर बैठे भाजपा विधायक
दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र वंदे मातरम गीत के साथ शुरू हो गया है। सदन शुरू होते ही विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने गंदे पानी की आपूर्ति का मुद्दा उठाया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र वंदे मातरम गीत के साथ शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत होते ही विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने गंदे पानी की आपूर्ति का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल और विजेंद्र गुप्ता के बीच नोकझोंक हुई। इस दौरान विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया।
इसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। भाजपा विधायक मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दिल्ली की दो करोड़ की आबादी दूषित पानी पीने को विवश है, जबकि विधानसभा में उसकी चर्चा भी नहीं कराई जा रही है। उन्होंने कहा, हमने तीन घंटे पहले विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर इस बाबत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाने की गुजारिश की थी, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई। अब हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलकर इस पर जवाब मांगेंगे।
सत्र में पेश किा जाएगा चार बिल
शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में चार बिलों को रखा जाएगा। इसमें से दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी बिल 2019, दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल 2019 के अलावा श्रम विभाग और जीएसटी से संबंधित दो बिल शामिल हैं। पहले दो विधेयकों के प्रलेखों को दिल्ली कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है। विधेयकों को दिल्ली के उपराज्यपाल ने विधानसभा में पेश किए जाने की अनुमति भी दे दी है।
बढ़ाया जा सकता है सत्र
सत्र में विधायी कार्यों के बारे में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल के कार्यालय को दिल्ली सरकार ने सूचित भी कर दिया है। हालांकि, यह सत्र आगे भी बढ़ाया जा सकता है। खास बात यह है कि यह दिल्ली विधानसभा का संभवत: अंतिम सत्र भी हो सकता है। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल कहते हैं कि जब तक फरवरी में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं हो जाती है। तब तक जरूरत पड़ने पर विधानसभा में कभी भी सत्र बुलाया जा सकता है।
ऐसी पढ़ाई जिसमें नौकरी की गारंटी होगी
स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी बिल 2019 पास होने के बाद इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से दिल्ली सरकार नौकरी की गारंटी वाली पढ़ाई कराएगी। दिल्ली के युवाओं को उद्योगों की जरूरत व नौकरी के हिसाब से तैयार करने के लिए दिल्ली में यह यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी। इसमें 85 फीसद सीटें दिल्ली के बच्चों के लिए होंगी।
वहीं, दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल 2019 बिल पास हुआ तो अकादमिक स्तर पर खिलाड़ियों को पढ़ाई करने से राहत मिल जाएगी। उनको नौकरी के लिए किसी और डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी। खेलों में उनके प्रदर्शन के आधार पर ही डिग्री मिल जाएगी।
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