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Delhi Election 2020: गौतम गंभीर के करीबी को मिलेगी टिकट या फिर होगा आउट

Delhi Election 2020 यहां से जबजब चुनाव लड़ा तब-तब भाजपा जीती है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में जब किरण बेदी चुनाव लड़ीं तब भाजपा यहां से हार गई।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 12:43 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 12:43 PM (IST)
Delhi Election 2020: गौतम गंभीर के करीबी को मिलेगी टिकट या फिर होगा आउट
Delhi Election 2020: गौतम गंभीर के करीबी को मिलेगी टिकट या फिर होगा आउट

नई दिल्ली [सुधीर कुमार]। कृष्णा नगर विधानसभा सीट से भले ही कोई विधायक बने, लेकिन यह सीट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मानी जाती है। यह उनकी पुश्तैनी सीट नहीं है, लेकिन उन्होंने यहां से लगातार जीत दर्ज की है। उन्होंने यहां से जबजब चुनाव लड़ा, तब-तब भाजपा जीती है। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में जब किरण बेदी चुनाव लड़ीं, तब भाजपा यहां से हार गई। डॉ. हर्षवर्धन अब दो बार चांदन चौक संसदीय सीट से सांसद चुने जा रहे हैं। इसलिए इस सीट से अब राजनीतिक रूप से उनका सीधा मतलब नहीं है।

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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इसके बावजूद यहां के अधिकतर लोग उनके समर्थन में रहते हैं और उन्हें ही कृष्णा नगर का नेता मानते हैं। यहां से जिस भी प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया जाएगा, उसके लिए डॉ. हर्षवर्धन की सहमति जरूरी होगी। ऐसा मानने वाले पार्टी नेताओं की दलील है कि किरण बेदी को जब पिछली बार यहां से चुनाव लड़ाया गया था तो उनकी सहमति नहीं ली गई थी। इसका परिणाम रहा है कि इस सीट से पहली बार भाजपा हारी। हालांकि, पिछली बार आम आदमी पार्टी की आंधी थी और इसमें दिल्ली के बड़े- बड़े किले ढह गए थे। फिर भी किरण बेदी जैसी बड़ी शख्सियत की हार ने सभी को हैरत में डाल दिया था। उन्हें ऐसे प्रत्याशी ने हरा दिया था जो राजनीति में ही नए आए थे।

बता दें कि इस बार इस सीट से गौतम गंभीर समर्थित हृदयेश अग्रवाल का भी नाम काफी चर्चा में है। अग्रवाल प्रदेश भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के सहप्रभारी हैं और पिछले कुछ समय से इलाके में काफी सक्रिय है। कहा जा रहा है कि अगर गंभीर किसी एक भी सीट के लिए अड़ेंगे तो वह कृष्णा नगर सीट होगी। अब गंभीर की कितनी चल पाती है, यह पार्टी संगठन तय करेगा। इस सीट से सबसे बड़े दावेदारों में डॉ. अनिल गोयल, डॉ. वीके मोंगा और महेंद्र आहूजा भी हैं। हालांकि इस सीट से पूर्व महापौर नीमा भगत, पूर्व पार्षद कल्पना जैन और शाहदरा जिला के पूर्व महासचिव श्रवण दीक्षित सहित कई और लोगों ने प्रमुखता से दावा पेश किया है। हालांकि इसमें कौन डॉ. हर्षवर्धन की पसंद बनेगा, अभी यह तय नहीं है क्योंकि सारे दावेदार उनके खास नेताओं में से नहीं हैं। हालांकि, विधानसभा की कोर कमेटी के सदस्यों ने किसे सबसे ज्यादा वोट दिए हैं, यह तो केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व के समक्ष ही खुलेगा।


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