आप की जीत में अपना भी सहयोग मानती है सपा, दिल्ली में पार्टी के चुनाव न लड़ने को बताया रणनीतिक कदम
चुनाव नतीजों के बाद पार्टी नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि दिल्ली में रणनीतिक तौर पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया गया था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बाद भी करारी शिकस्त झेल चुकी सपा का आत्मविश्वास चौंकाता है। दिल्ली चुनाव नतीजों के बाद पार्टी नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि दिल्ली में रणनीतिक तौर पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया गया था। उन्होंने कहा कि यह वोटों के बिखराव को रोकने के लिए किया गया। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज करते हुए कहा कि वह जिस किसी राज्य में गए वहां भाजपा हारी।
रामगोपाल यादव दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों के आने के बाद संसद भवन परिसर में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह जताने की कोशिश की कि आम आदमी पार्टी की जीत में परोक्ष रूप से सपा का भी हाथ है। यह और बात है कि पिछले चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस जरूर 9-10 फीसद वोट पाने में सफल हुई थी लेकिन बाकी छोटी पार्टियों को सम्मिलित रूप से एक फीसद वोट मिला था।
70 में से 63 सीट पर बढ़त
दिल्ली विधानसभा में मतगणना के बाद फिर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री बनना तय है। आप 70 में से 63 सीटों पर बढ़त बनाई है। वहीं भाजपा को सिर्फ 7 सीटें पर बढ़त बनाई है। आम आदमी पार्टी ने जहां कांग्रेस को दिल्ली में पनपने नही दिया है, वहीं दिल्ली में कुछ माह पहले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटें जीतने वाली भाजपा को फिर से काफी पीछे रखा है।
आप के सभी चर्चित प्रत्याशी जीते चुनाव
मतगणना में आप के सभी बड़े चेहरे चुनाव जीत गए हैं या चुनाव जीतने के करीब हैं। इनमें नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल, पटपड़गंज से मनीष सिसोदिया, शकूरबस्ती से सत्येंद्र जैन, नजफगढ़ से कैलाश गहलोत, कालकाजी से आतिशी, राजेंद्र नगर से राघव चड्ढा, सीमापुरी से राजेंद्र गौतम, बाबरपुर से गोपाल राय, तिमारपुर से दिलीप पांडेय, बल्लीमारान से इमरान हुसैन, ओखला से अमानतुल्ला खान और शाहदरा से रामनिवास गोयल शामिल हैं। सिर्फ करावल नगर से दुर्गेश पाठक चुनाव हार गए हैं।