नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। बदरपुर विधानसभा क्षेत्र दो गुज्जर दिग्गजों के भिड़ंत का गवाह रहा है। विधानसभा क्षेत्र के गठन के साथ ही यहां के चुनावी रण में दो गुर्जर योद्धा एक-दूसरे के खिलाफ खम ठोकते रहे हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि दोनों योद्धा रामबीर सिंह बिधूड़ी और राम सिंह पार्टी भी बदल देते हैं, जिसने मौका दिया उसका झंडा थामकर चुनावी दंगल में उतर जाते हैं। वर्ष 2013 तक यहां की जनता भी बारी-बारी से एक दूसरे को विधानसभा भेजती रही, लेकिन पिछले चुनाव में यह समीकरण बदल गया। जनता ने इन दोनों पुराने धुरंधरों को नजरअंदाज करके आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नारायण दत्त शर्मा को विधानसभा भेज दिया। अब एक बार फिर से दोनों पुराने दिग्गजों के साथ ही वर्तमान विधायक शर्मा के बीच चुनावी भिड़ंत होने की संभावना जताई जा रही है।
दिल्ली विधानसभा के गठन के बाद से ही दोनों गुर्जर नेता एक दूसरे के खिलाफ बदरपुर के रण में उतरते रहे हैं। वर्ष 1993 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में रामबीर सिंह बिधूड़ी जनता दल के टिकट पर और राम सिंह कांग्रेस के टिकट पर एक दूसरे खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे। बिधूड़ी ने सात हजार मतों से चुनाव जीत दर्ज की।
दूसरे विधानसभा चुनाव (वर्ष 1998) में राम सिंह को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय मैदान में उतर गए। वहीं, जनता दल के टिकट पर कांग्रेस को हराने वाले बिधूड़ी इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। लेकिन क्षेत्र की जनता ने निर्दलीय पर विश्वास जताया और उन्हें 14 हजार से ज्यादा मतों से विजयी बनाकर विधानसभा पहुंचाया।
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में नेताजी एक बार फिर से कांग्रेस में लौट गए और पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया। दूसरी ओर बिधूड़ी कांग्रेस से बगावत कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में ताल ठोक दिए। जिसमें बिधूड़ी मात्र 436 मतों से चुनाव जीतकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे।
कांग्रेस से बगावत करने वाले बिधूड़ी का वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से हाथ का साथ हो गया तो नाराज नेताजी ने बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर सवार हो गए। हाथी की चाल इस बार बदरपुर के लोगों को भा गई और उन्होंने नेताजी को 13 हजार से ज्यादा मतों से विजयी बनाकर विधानसभा भेजा।
पाला बदलने का खेल 2013 विधानसभा चुनाव में भी जारी रहा। रामबीर सिंह बिधूड़ी ने एक बार फिर कांग्रेस से हाथ छुड़ा लिया और भाजपा प्रत्याशी के तौर पर बदरपुर से चुनाव मैदान में उतरे। उन्होंने हाथी से उतरकर कांग्रेस का हाथ पकड़ने वाले राम सिंह को 13854 मतों से पराजित किया था। इस तरह से पहली बार बदरपुर में कमल खिला था। AAP का प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा था।
वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव (वर्ष 2015) में भी दोनों नेता मैदान में उतरे थे। बिधूड़ी दूसरी बार केसरिया ध्वज लेकर और राम सिंह हाथ के साथ मैदान में उतरे थे। लेकिन, पुराने योद्धाओं पर विश्वास करने के बजाय आप उम्मीदवार नारायण दत्त शर्मा को विजयी बनाकर बदरपुर की जनता विधानसभा में भेजा।
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