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Delhi Assembly Election 2020: अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों का बकाया संपत्तिकर माफ

दक्षिणी के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने भी अनधिकृत कॉलोनियों के नियमित होने की चल रही प्रक्रिया के बीच बकाया संपत्तिकर माफ कर दिया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 12:40 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 12:40 PM (IST)
Delhi Assembly Election 2020: अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों का बकाया संपत्तिकर माफ
Delhi Assembly Election 2020: अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों का बकाया संपत्तिकर माफ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने भी अनधिकृत कॉलोनियों के नियमित होने की चल रही प्रक्रिया के बीच बकाया संपत्तिकर माफ कर दिया है। बृहस्पतिवार को उत्तरी निगम के नेता सदन तिलकराज कटारिया ने स्थायी समिति की ओर से प्रस्तुत वर्ष 2020-2021 के बजट प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया। इसमें अनधिकृत कॉलोनियों का बकाया संपत्तिकर माफ करने के साथ ही निगमायुक्त की ओर से विभिन्न करों के बढ़ोतरी के प्रस्ताव को रद कर दिया गया है। इसके साथ ही भलस्वा लैंडफिल साइट को खत्म कर वहां पर राष्ट्र स्मृति मंदिर बनाने की घोषणा की गई है। आय बढ़ाने के लिए मोबाइल टॉवर लगाने और दिल्ली जलबोर्ड से पाइप लाइन डालने के एवज में प्रति मीटर के हिसाब से शुल्क लेने का भी प्रस्ताव पारित किया गया है। विधायक शुल्क से होने वाले कार्यो पर 10 फीसद का सेवा शुल्क भी लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि निगमायुक्त वर्षा जोशी ने अपने बजट प्रस्तावों को पेश करते हुए संपत्तिकर में बढ़ोतरी के साथ शिक्षा का एक फीसद उपकर व पेशेवर कर लगाने की घोषणा की थी।

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डलाव घर खत्म कर बनाए जाएंगे मनोरंजन केंद्र

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने भी शहर की स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने के लिए डलावघर मुक्त दिल्ली करने की घोषणा की है। इसके तहत निगम इस वर्ष एफसीटीएस मशीनों की स्थापना करके डलाव घर का विकल्प देगा। नेता सदन तिलकराज कटारिया के अनुसार 831 डलाव घर हैं। इसमें 300 डलाव घरों को बंद किया जा चुका है। 300 इस वर्ष बंद हो जाएंगे। इन डलाव घरों को खत्म करके मनोरंजन केंद्र और पुस्तकालय खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रत्येक डलाव घर पर 10 लाख रुपये का खर्च आएगा।

लैंडफिल साइट को खत्म करके बनेगा राष्ट्र स्मृति मंदिर

दिल्ली की सीमाओं पर बने कूड़े के पहाड़ को खत्म करने के लिए निगमों ने कार्य शुरू कर रखा है तो वहीं अब उत्तरी निगम इसे समतल कर यहां पर राष्ट्र स्मृति मंदिर बनाएगा। नेता सदन के मुताबिक विश्व में जितने मंदिर हैं उनका प्रतीक यहां वेस्ट टू वंडर पार्क की तर्ज पर बनाए जाएंगे। उनके मुताबिक यहां पर फिलहाल चार ट्रॉयल मशीनें लगी हैं, जिससे 300 टन कूड़े को खत्म किया जाता है। इन मशीनों की संख्या केंद्र सरकार से फंड लगाकर बढ़ाई जाएगी। ये मशीनें लैंडफिल पर पड़े कचरे को अलग-अलग करके उसमें से मिट्टी को अलग कर देती है। इसके बाद यह मैदान समतल हो जाएगा तो वहां पर मंदिरों के प्रतीक बनाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि यह लैंडफिल साइट 70 एकड़ में फैली है। उल्लेखनीय है कि इस लैंडफिल की ऊंचाई 150 लाख टन से भी अधिक कूड़ा जमा होने का अनुमान है।

नेता सदन ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 को ध्यान में रखते हुए केवल और केवल राजनीति की है। उन्होंने एक तरफ निगम की खराब वित्तीय हालत का ठीकरा दिल्ली सरकार पर फोड़ा, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की ओर से निगम की आय बढ़ाने के तरीकों को राजनीतिक द्वेष के चलते नकार दिया है। दक्षिण निगम की तरफ सिविक सेंटर के किराये के रूप में बकाया 1815 करोड़ रुपये वसूलने की मंशा जाहिर नहीं की और न ही संपत्तिकर, विज्ञापन, पार्किंग के वर्षो से लंबित पड़े बकाया को वसूलने की योजना पेश की।

सुरजीत पंवार, नेता प्रतिपक्ष, उत्तरी निगम की खास बातें

अनधिकृत कॉलोनियों में वर्ष 2004 से 2018 तक का बकाया संपत्तिकर माफ करने पर निगम को 15 लाख उत्तरी दिल्लीवासियों को लाभ होगा। इससे निगम को दो हजार करोड़ वहन करने पड़ेंगे। कॉलोनियों के नियमित होने से निगम को 150 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष संपत्तिकर आने का अनुमान है। उत्तरी निगम में हैं छह सौ अनधिकृत कॉलोनियां हैं।  निगम ने कहा कि दिल्ली सरकार से फंड न मिलने की वजह से 6176 करोड़ की देनदारी 31 मार्च 2019 की बनी हुई है।  इस वर्ष निगम को 4.46 लाख संपत्ति मालिकों से हुई थी 666 करोड़ की आय।

कुछ प्रमुख घोषणाएं

  • ऑनलाइन ई-मेल पर भेजे जाएंगे बकाया संपत्तिकर के नोटिस
  • लाइसेंसधारी तहबाजारी संचालक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता
  • अटल थाली 10 रुपये की जगह मिलेगी 15 रुपये में, लेकिन खाने में सलाद और मीठा भी मिलेगा
  • निगम की पार्किंग में खड़े अज्ञात वाहनों की नीलामी की जाएगी
  • निगम के अधीन आने वाली 300 ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों की स्ट्रीट लाइट का खर्चा वहन करेगा निगम
  • पार्षदों का फंड एक करोड़ से 1.75 करोड़ रुपये किया जाएगा।
  • चांदनी चौक के थड़े होंगे फ्री होल्ड
  • 800 मोबाइल टावर के लाइसेंस से आय बढ़ाएगा निगम।
  • योजनाओं को लागू करने के लिए बनेगा समाधान विचार प्रकोष्ठ

पार्षदों की समस्याओं के समाधान के बजट में कटारिया ने पार्षद समस्या समाधान-विचार प्रकोष्ठ के गठन का एलान किया है। इस प्रकोष्ठ में पार्षदों की शिकायतों और पत्रों को गंभीरता से लिया जाएगा। साथ ही उन पत्रों को संबंधित विभागों की ओर से उचित कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। यह प्रकोष्ठ निगम की ओर से घोषित योजनाओं को लागू करने का भी कार्य करेगा। उल्लेखनीय है कि पार्षद अक्सर निगमायुक्त पर समय न देने का आरोप लगाते रहते हैं।

व्यापार मेले की तर्ज पर अटल मेला

प्रगति मैदान में लगने वाले व्यापार मेले की तर्ज पर रामलीला मैदान में अटल मेला का आयोजन किया जाएगा। इसमें देशभर के लोगों को दुकान लगाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। हर वर्ष 25 दिसंबर से तीन जनवरी तक इस मेले का आयोजन होगा। इसके साथ ही रामलीला मैदान में हर वर्ष भारतीय नव वर्ष भी धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए बजट में 50-50 लाख रुपये का बजटीय प्रावधान किया है।


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