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BJP को अकालियों से गठबंधन की उम्मीद बरकरार, इसलिए 13 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान नहीं

Delhi assembly Election 2020 भाजपा ने पहली सूची में अकाली कोटे वाली चार सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं करके गठबंधन की उम्मीद कायम रखी है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 11:30 AM (IST)
BJP को अकालियों से गठबंधन की उम्मीद बरकरार, इसलिए 13 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान नहीं
BJP को अकालियों से गठबंधन की उम्मीद बरकरार, इसलिए 13 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान नहीं

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi assembly Election 2020:   दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के बीच गठबंधन को लेकर तस्वीर स्पष्ट नहीं हुई है। अकाली इस बार ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि भाजपा के कई नेता गठबंधन के विरोध में हैं। इससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, भाजपा ने पहली सूची में अकाली कोटे वाली चार सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं करके गठबंधन की उम्मीद कायम रखी है। साथ ही तीन सिख नेताओं राजेंद्र नगर से आरपी सिंह को, जंगपुरा से इम्प्रीत सिंह और तिमारपुर से सुरेंद्र सिंह बिट्टू को मैदान में उतारकर पार्टी ने अकालियों पर दबाव जरूर बढ़ा दिया है। वहीं, नजफगढ़ और मुंडका सीट पर भाजपा प्रत्याशी घोषित होने से जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ गठजोड़ की आस धूमिल पड़ने लगी है।

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भाजपा पंजाब के साथ ही दिल्ली में भी अकाली के साथ मिलकर चुनाव लड़ती रही है। पिछले विधानसभा चुनावों में राजौरी गार्डन, हरि नगर, कालकाजी व शाहदरा सीट अकालियों को मिली थीं। इसमें से हरिनगर को छोड़कर अन्य सीटों पर अकाली उम्मीदवार भाजपा के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरे थे। इस बार अकाली इन सीटों के साथ ही मोतीनगर और रोहताश नगर सीट भी मांग रही थी। पार्टी ने इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, लेकिन शेष चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी इस बार तीन सीट अकालियों को देना चाहती है। यह भी संभव है कि एक सीट पर भाजपा नेता को अकाली कोटे से मैदान में उतारा जाए। इस तरह का प्रयोग वर्ष 2013 में भी हुआ था, जब भाजपा नेता शाम शर्मा को अकाली कोटे से हरि नगर से चुनाव लड़ाया गया था।

भाजपा नेताओं का कहना है कि दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व की बैठक में इन बातों पर चर्चा होगी। यह कोशिश है कि सहयोगी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाए। सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। दूसरी ओर जजपा के साथ गठबंधन की उम्मीद अब नहीं के बराबर है। हरियाणा में जजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद से ही दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी दोनों के बीच गठबंधन के कयास लग रहे थे। चर्चा थी कि मुंडका और नजफगढ़ सीट से जजपा का उम्मीदवार उतरेगा, जिस पर विराम लगाते हुए भाजपा ने इन दोनों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।

इन 13 सीटों पर नहीं घोषित हुए हैं उम्मीदवार

नई दिल्ली, दिल्ली कैंट, कस्तूरबा नगर, महरौली, संगम विहार, बुराड़ी, सीमापुरी, कृष्णा नगर, नांगलोई जाट, राजौरी गार्डन, हरि नगर, कालकाजी व शाहदरा सीट।


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