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केजरीवाल के बाद अब MCD ने दिल्लीवासियों को दिया बड़ा तोहफा, लाखों लोग उठा सकेंगे लाभ

दिल्ली में 500 वर्गमीटर तक के रिहायशी प्लॉटों में बनने वाले मकान के नक्शे पास कराने में अब निगम के अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने होंगे। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 07:11 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 07:11 PM (IST)
केजरीवाल के बाद अब MCD ने दिल्लीवासियों को दिया बड़ा तोहफा, लाखों लोग उठा सकेंगे लाभ
केजरीवाल के बाद अब MCD ने दिल्लीवासियों को दिया बड़ा तोहफा, लाखों लोग उठा सकेंगे लाभ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में 500 वर्गमीटर तक के रिहायशी प्लॉटों में बनने वाले मकान के नक्शे पास कराने में अब निगम के अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने होंगे। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। पहले यह सेवा 105 वर्गमीटर तक के रिहायशी प्लॉटों के लिए ही थी। इसके बाद अब केवल निगम से पंजीकृत वास्तुकार या इंजीनियर से स्वीकृत नक्शे को बिलिं्डग प्लान स्वीकृत कर दिया जाएगा। निगम ने यह कदम इज ऑफ ड्राइंग बिजनेस में रैंकिंग सुधार के लिए उठाया है। मंगलवार को राजनिवास में उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली के तीनों नगर निगमों के महापौर व आयुक्तों की उपस्थिति में इस ऑनलाइन सेवा को लांच किया गया।

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इस मौके पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान सिस्टम (ओबीपीएस) सेवा के जरिये नक्शे जारी करने में पूरी तरह से मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा। प्लॉट मालिक निगम की वेबसाइट से इस पोर्टल पर जा सकता है। यहां पर आवेदन ऑनलाइन ही स्वीकार किया जाएगा। इतना ही नहीं अगर, आवेदन में कोई संशोधन होगा तो उसकी भी जानकारी पोर्टल पर ही मांगी जाएगी। जिसे संपत्ति मालिक फिर से ऑनलाइन ही जमा कर सकेगा। दस्तावेजों की जांच भी ऑनलाइन की जाएगी।

शुल्क भी ऑनलाइन ही जमा होगी। पूरी प्रक्रिया होने के बाद ऑनलाइन डिजीटल हस्ताक्षर वाला बिलिं्डग प्लान स्वीकृति प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा। दिल्ली के तीनों निगमों में यह सेवा लागू होगी। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने बताया कि अभी 1491 वास्तुकारों को इस प्रणाली में पंजीकृत किया गया है। वे इस सुविधा का प्रयोग अभी से कर सकते हैं और सारी प्रक्रिया एक दिन के भीतर पूरी हो जाएगी।

विजय गोयल (वरिष्ठ भाजपा नेता) ने बताया कि 105 वर्ग मीटर की बजाय अब 500 वर्ग मीटर के ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान पास किए जाएंगे। केवल पंजीकृत वास्तुकार से नक्शा बनवाकर इसे जमा करा सकते हैं। इससे अफसरशाही और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। इसके साथ ही ट्रेड लाइसेंस के लिए 12 कागजों की बजाय तीन कागज ही देने होंगे और ट्रेड लाइसेंस मिल जाएगा। इससे छोटे कामगारों को लाभ मिलेगा।

वहीं, दिल्ली में ऑनलाइन सेवाओं में सुधार और नई डिजिटल सेवाएं देने के लिए निगमों को आइआइटी दिल्ली की मदद मिलेगी। इस संबंध में तीनों नगर निगमों और आइआइटी दिल्ली के बीच राजनिवास में मंगलवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

समझौते के तहत आइआइटी दिल्ली नागरिक सुविधाओं के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगी। आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए अनुसंधान आधारित जानकारी भी देगी। इसका प्रमुख उद्देश्य मौजूदा प्रक्रिया को सरल और नागरिक अनुकुल बनाना है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक अपनाई जाएगी। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि यह समझौता निगमों के लिए अपशिष्ट प्रबंधन, पार्किंग प्रबंधन, संपत्ति कर संग्रह, टाउन प्लानिंग जैसे कार्यो में सहायक होगा। उपराज्यपाल ने निगमों को सलाह दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के आह्वान के अनुरूप सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होनी चाहिए, जिससे नागरिक घर बैठे ये सुविधाएं प्राप्त कर सकें।

निगम में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र, ट्रेड लाइसेंस, रेस्तरां व होटल के लिए हेल्थ लाइसेंस के साथ ही संपत्ति कर भी ऑनलाइन वसूला जाता है। निगम की ये सेवाएं पूरी तरह से ऑनलाइन नहीं हैं, क्योंकि जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का नाम जुड़वाने के लिए निगम दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते हैं। एनडीएमसी यह सेवा ऑनलाइन देती है। केवल मोबाइल वेरीफिकेशन के माध्यम से एनडीएमसी इलाके में बच्चे का नाम प्रमाण पत्र में जोड़ा या संशोधित किया जा सकता है। वहीं संपत्ति कर को लेकर निगमों के पास अभी भी ठोस व्यवस्था नहीं है। संपत्ति करदाता ने पिछले 10 वषों में कितना टैक्स जमा किया यह भी व्यवस्था अभी ऑनलाइन नहीं है। ई-पासबुक की सुविधा भी अभी तक तीनों नगर निगम चालू नहीं कर पाए हैं। इन अव्यवस्थाओं को आइआइटी की मदद से ठीक किया जाएगा।


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