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Delhi Assembly Seat: पहली बार चुनावी मैदान में उतरे राघव क्‍या आप की झोली में डाल पाएंगे राजेंद्र नगर सीट

राजेंद्र नगर सीट से आम आदमी पार्टी ने राघव चड्ढा को प्रत्‍याशी बनाया है। यहां से भाजपा के आरपी सिंह प्रत्‍याशी हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 01:44 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 01:44 PM (IST)
Delhi Assembly Seat: पहली बार चुनावी मैदान में उतरे राघव क्‍या आप की झोली में डाल पाएंगे राजेंद्र नगर सीट
Delhi Assembly Seat: पहली बार चुनावी मैदान में उतरे राघव क्‍या आप की झोली में डाल पाएंगे राजेंद्र नगर सीट

नई दिल्‍ली। दिल्‍ली विधानसभा की राजेंद्र नगर सीट इस चुनाव में काफी खास मानी जा रही है। खास इसलिए क्‍योंकि यहां पर विभिन्‍न पार्टियों के उम्‍मीद्वारों के बीच कांटे की टक्‍कर है। यहां से आम आदमी पार्टी ने राघव चड्ढा को, भारतीय जनता पार्टी ने आरपी सिंह, कांग्रेस ने रॉकी तुसीद को प्रत्‍याशी बनाया है। राघव चड्ढा पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं जबकि भाजपा ने आरपी सिंह को वर्ष 2013 और 2015 में भी चुनाव के मैदान में उतारा था। 

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वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्‍याशी विजेंदर गर्ग विजय को सबसे अधिक 53.39 फीसद वोट मिले थे, जबकि भाजपा के आरपी सिंह को 35.94 फीसद मत मिले थे। तीसरे स्‍थान पर कांग्रेस के प्रत्‍याशी ब्रह्म यादव थे जिन्‍हें महज 7.8 फीसद मत ही हासिल हुए थे। इस बार आम आदमी पार्टी ने इस सीट से विजय का टिकट काट कर राघव पर दांव लगाया है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि राघव चड्ढा इससे पहले 2019 में लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्‍ली से आप के प्रत्‍याशी बने थे, लेकिन यहां से उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था।   

आपको बता दें कि यह सीट पहली बार 1972 में सामने आई थी। इस सीट का नाम देश के पहले राष्‍ट्रपति डॉक्‍टर राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखा गया था।  यह विधानसभा क्षेत्र कोचिंग सेंटर के लिए भी काफी मशहूर है। इसके अलावा यह क्षेत्र देश के बंटवारे के बाद पंजाबी शरणार्थियों की अहम जगह बना था। आज भी इसकी पहचान इसी तौर पर ज्‍यादा होती है। वर्ष 1993 से 2003 तक इस सीट पर भाजपा के पूरन चंद त्‍यागी का कब्‍जा था। इसके बाद 2008 में ये सीट कांग्रेस की झोली में चली गई और यहां से रमाकांत गोस्‍वामी ने जीत हासिल की थी। वर्ष 2013 में इस सीट पर भाजपा के आरपी सिंह ने कब्‍जा किया। 2015 में आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर धमाकेदार जीत दर्ज की थी।

अब एक बार फिर से भाजपा इस सीट को वापस लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। यही वजह है कि पार्टी ने अपने पुराने और यहां से जीत दर्ज कर चुके नेता को मैदान में उतार है। वहीं पहली बार चुनाव का हिस्‍सा बन रहे राघव के लिए यह एक बिल्‍कुल नया अनुभव है। यह देखना दिलचस्‍प होगा कि भाजपा-कांग्रेस या आप में से इस सीट पर कौन बाजी मारता है।  

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