नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विधानसभा की तुगलकाबाद सीट से आम आदमी पार्टी के साहीराम पहलवान चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार विक्रम बिधूड़ी को 13 हजार 758 से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया। तुगलकाबाद सीट से आप के साहीराम, भाजपा के विक्रम बिधूड़ी और कांग्रेस के शुभम शर्मा के बीच में मुकाबला था। इस सीट पर भाजपा तीसरे नंबर पर रही। विक्रम बिधूड़ी को 45147 वोट मिले। वहीं, तीसरे नंबर पर कांग्रेस के शुभम शर्मा रहे, जिन्हें 1342 सीटें मिलीं।
राज्य की 70 विधानसभा सीटों में तुगलकाबाद का काफी महत्व है। इस सीट पर 60.77 फीसद मतदान हुआ था। दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र पानी की समस्या को लेकर काफी चर्चा में रही है। यहां तक की अरविंद केजरीवाल का भी यहां की जनता एक बार विरोध कर चुकी है।
तुगलकशाही का इतिहास समेटे यह इलाका वर्तमान में दक्षिण दिल्ली जिले का हिस्सा होने के साथ ही दक्षिण दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा भी है। भारत में तुगलकों के शासन की शुरुआत के दौरान ही इस क्षेत्र को बसाया गया था। इस इलाके को 1972 में विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया था। यहां के पहले चुनाव में कांग्रेस के प्रेम सिंह विधायक चुने गए। उन्होंने भारतीय जनसंघ के नलेता कालका दास का करारी शिकस्त दी। कांग्रेस और भाजपा के लिए चुनाव अखाड़ा रही यह विधानसभा सीट वर्तमान में आम आदमी पार्टी के कब्जे में है।
आम आदमी पार्टी के सही राम विधायक हैं। खूनी इतिहास समेटे यह इलाका 1320 में खिलजी शासन का तख्तापलट करने वाले खुसरो शाह की हत्या कर गयासुद्दीन तुगलक शाह प्रथम दिल्ली का सुल्तान बना। तुगलकों ने अपनी निर्माण कला का विकास किया, जिसका उदाहरण इस इलाके में आज भी मौजूद तुगलकाबाद किला, कालू सराय, खिड़की मस्जिद समेत कई इमारते हैं।
सीट का लेखा-जोखा
मौजूदा विधायक
सही राम
पार्टी
आम आदमी पार्टी
प्राप्त वोट
64311
पराजित उम्मीदवार
विक्रम बिधूड़ी
पार्टी
भारतीय जनता पार्टी
प्राप्त वोट
30610
हार का अंतर
33701
वोट%
66.37
पुरुष मतदाता
94837
महिला मतदाता
60480
कुल मतदाता
155327
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में तुगलकाबाद सीट पर आप के साहीराम पहलवान ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा के विक्रम बिधूड़ी को 33,701 वोटों के बड़े अंतर से हराया था। यहां कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी। सहीराम ने 2013 में बसपा के टिकट पर तुगलकाबाद सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। 2013-14 में वह एमसीडी साउथ के डिप्टी मेयर और 1997 से 2000 तक पार्षद निर्दलीय भी रहे हैं।