राजनाथ सिंह ने केजरीवाल पर किया जोरदार हमला, कहा- जो अन्ना का नहीं हुआ वो आपका क्या होगा
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली की एक चुनावी सभा में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमने दुबारा से जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली की एक चुनावी सभा में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे का जिक्र किया। सिंह ने कहा कि हमने विशेष जांच दल (Special Investigation Team) का गठन किया है। उन्होंने बताया कि यह जांच दल दोषियों को सजा देगा। उन्होंने सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) को लेकर चल रहे विवाद पर कहा कि मैं अपने मुस्लिम भाइयों को कहना चाहता हूं कि यह आप पर निर्भर करता है कि आप हमें वोट दें या नहीं दें, लेकिन हमारी मंशा पर शक नहीं करिए। हमारी नीयत साफ है और आपको कोई नहीं छू सकता है।
#WATCH Defence Minister Rajnath Singh: I want to tell my Muslim brothers - it is up to you to decide whether to vote for us or not but please do not doubt our intentions. No one can touch you, let alone taking away your citizenship. pic.twitter.com/bzMo1kD1ME
— ANI (@ANI) January 29, 2020
उठाया धारा 370 खत्म करने का मुद्दा
हम काफी पहले से कहते रहे कि धारा 370 को समाप्त करेंगे। हमने अपने संकल्प पत्र में भी कहा था कि सत्ता में वापस आते ही धारा 370 समाप्त करेंगे। यह काम अगस्त में चुटकी बजाते ही कर दिया गया। अब कश्मीर से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाए जाने से कोई ताक़त रोक नहीं सकेगी।
अरविंद केजरीवाल पर कसा तंज
उन्होंने केजरीवाल पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि जिन अन्ना हजारे जी का दामन पकड़कर केजरीवाल सार्वजनिक जीवन में आए थे, उन्होंने बार-बार राजनीतिक पार्टी बनाने से मना किया। मगर अन्ना हजारे को महाराष्ट्र भेज कर अरविंद केजरीवाल ने एक राजनीतिक पार्टी बना ली और चुनाव के मैदान में उतर गए। जो अन्ना का ना हुआ वो आपका क्या होगा?
नफ़रत के आधार पर हमें सत्ता का सिंहासन नहीं चाहिए
नफ़रत के आधार पर हमें सत्ता का सिंहासन नहीं चाहिए। ऐसी राजनीति को हम ठोकर मारते हैं। NPR को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। यदि NPR नहीं होगा तो ग़रीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं कैसे चलायी जाएंगी। DBT के माध्यम से बिना किसी हेर-फेर के ग़रीबों तक सब्सिडी कैसे पहुँचेगी? नफ़रत की स्याही से इतिहास लिखने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए वरना इतिहास माफ़ नहीं करेगा। हमारे प्रधानमंत्री इंसाफ़ और इंसानियत में विश्वास करते हैं। तभी वे कहते हैं सबका साथ सबका विकास। इसके बावजूद उन पर ग़लत आरोप लगाए जा रहे हैं।