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मनोज तिवारी को दिल्ली में सीएम पद का चेहरा बताकर पलटे हरदीप सिंह पुरी

हरदीप पुरी ने अपनी सफाई में कहा ‘दिल्ली में भाजपा विजय की ओर अग्रसर है। पार्टी ने अब तक मुख्यमंत्री पद के लिए किसी को नामित नहीं किया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 02:31 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 07:22 AM (IST)
मनोज तिवारी को दिल्ली में सीएम पद का चेहरा बताकर पलटे हरदीप सिंह पुरी
मनोज तिवारी को दिल्ली में सीएम पद का चेहरा बताकर पलटे हरदीप सिंह पुरी

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। अगले साल होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय शहरी विकास और उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बड़ा बयान दिया है। शनिवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का नाम आगे कर दिया। शास्त्री पार्क में आयोजित उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के शहरी केंद्र प्रमुखों के सम्मेलन में हरदीप पुरी ने कहा, ‘हम मनोज तिवारी के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर ही दम लेंगे।’ जोश में आए कार्यकर्ताओं ने जय श्रीराम के साथ अबकी बारी, मनोज तिवारी के नारे लगाए। बयान ने तूल पकड़ा तो तीन घंटे बाद ही हरदीप पुरी अपने बयान से पलट गए और ट्वीट किया कि उनका आशय मनोज तिवारी के नेतृत्व में चुनाव लड़ना था।

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हरदीप पुरी ने अपनी सफाई में कहा, ‘दिल्ली में भाजपा विजय की ओर अग्रसर है। पार्टी ने अब तक मुख्यमंत्री पद के लिए किसी को नामित नहीं किया है। मनोज तिवारी प्रदेश अध्यक्ष हैं। पार्टी उनके नेतृत्व में पूरे जोश से काम कर रही है। मेरे बयान का मतलब यह था कि भाजपा उनके नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव जीतेगी।’ हालांकि उनकी सफाई के बाद भी मनोज तिवारी के समर्थकों का जोश कम नहीं हुआ है।

उधर, मनोज तिवारी का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते दिल्ली में सरकार बनाने की मेरी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री कौन होगा, यह मुद्दा नहीं है। मुद्दा यह है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं की नींद उड़ गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार का फैसला संसदीय बोर्ड द्वारा किया जाता है।

पूर्वांचल के मतदाताओं में काफी लोकप्रिय हैं मनोज तिवारी

गायक, भोजपुरी अभिनेता व उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी दिल्ली में रह रहे यूपी और बिहार के मतदाताओं में काफी लोकप्रिय हैं। पूर्वांचल के मतदाता यहां पर काफी संख्या में रहते हैं। ऐसे में भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है। 

शीला दीक्षित को बड़े अंतर से हराया था

मई 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित को 366102 वोटों से हराया था। मनोज तिवारी को कुल 787799 वोट मिले थे जबकि शीला दीक्षित को 421697 मत मिले थे। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडेय 190856 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। 

2015 में किरण बेदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी थी भाजपा

इससे पहले साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्व आइपीएस अधिकारी किरण बेदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी थी। भाजपा संसदीय दल बोर्ड ने किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संसदीय बोर्ड की मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसकी घोषणा की थी।

भाजपा को मिली थी करारी हार

भाजपा ने किरण बेदी को केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की सीट कृष्णानगर से चुनाव लड़ाया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बेदी को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने करीब दो हजार से अधिक वोटों से हराया था। बता दें कि  कृष्णानगर  डॉ. हर्षवर्धन की परंपरागत सीट मानी जाती है। वे यहां से कई बार विधायक भी रह चुके हैं। 

किरण बेदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से भाजपा को कोई लाभ नहीं मिला था। पार्टी को 70 में से सिर्फ 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने धमाकेदार जीत दर्ज करते हुए 67 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी। 

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