Delhi Election 2020 : चुनाव में सिर्फ 10 दिन शेष, प्रचार से गायब क्यों हैं कांग्रेस के स्टार प्रचारक?
Delhi Assembly Elections 2020 कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए दिग्गज नेता अभी तक चुनावी मैदान में नहीं उतरे हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Assembly Elections 2020: दिल्ली के सर्द मौसम में चुनावी गर्माहट तो बढ़ रही है, लेकिन कांग्रेस का प्रचार तो उठ भी नहीं पा रहा है। आलम यह है कि छह फरवरी शाम पांच बजे तक (प्रचार बंद होने का समय) अब केवल 10 दिन शेष बचे हैं जबकि पार्टी चुनाव प्रचार में कहीं दिखाई नहीं पड़ रही। यहां तक कि 40 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी तो कर दी गई, लेकिन कौन- कब- कहां आएगा, इसका शेडयूल ही नहीं बना है। कहीं ऐसा न हो जाए कि लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस दूसरे या तीसरे नंबर पर सिमटकर रह जाए!
भाजपा और आम आदमी पार्टी अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है। आप के प्रचार की कमान जहां पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं संभाल रहे हैं, वहीं भाजपा के चुनाव प्रचार की बागडोर गृहमंत्री अमित शाह ने अपने हाथ में ले ली है। वहीं कांग्रेस केवल प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के कंधों पर ही चल रही है। यहां तक कि प्रचार अभियान समिति अध्यक्ष कीर्ति आजाद भी कहीं नजर नहीं आ रहे।
कहने को कांग्रेस ने 21 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया पूरी होते ही 22 तारीख को 40 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी और इसकी सूचना चुनाव आयोग को भी दे दी। इस सूची में मनमोहन सिंह, शशि थरूर, नवजोत सिंह सिद्धू, शत्रुघ्न सिन्हा, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को रखा गया है।
दिल्ली प्रभारी पी सी चाको, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम भी शामिल हैं। साथ ही वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरीश रावत, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और कई अन्य नेताओं के नाम भी प्रचारकों की सूची में शामिल हैं। यह सूची जारी होने के छह दिन बाद भी कोई स्टार प्रचारक चुनाव मैदान में नहीं उतरा हैं।
कांग्रेस के सभी उम्मीदवार अपने स्तर पर ही चुनाव प्रचार को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं। कार्यालय उद्घाटन के नाम पर जहां तहां सुभाष चोपड़ा ही चले जाते हैं, इससे अधिक कुछ नहीं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस को काफी गंभीरता के साथ चुनाव लड़ना चाहिए लेकिन अब तक जो रवैया दिख रहा है उसमें कहीं न कहीं कमी झलक रही है। एक तरफ दोनों विरोधी पर्टियां लगातार मैदान में हैं और विपक्षियों पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं जबकि कांग्रेस हाथ पर हाथ धरे बैठे नजर आ रही है।
हालांकि सोमवार एआइसीसी के 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित वार रूम में पार्टी के चुनाव प्रचार को लेकर ही वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और पीसी चाको ने विभिन्न सांसद-विधायकों के साथ बैठक भी रखी, लेकिन उसमें प्रचार को धार देने वाला कोई निर्णय सामने नहीं आ सका। सूत्रों की मानें तो 29 तारीख से कांग्रेस के स्टार प्रचारक दिल्ली पहुंचने शुरू हो जाएंगे। सर्वाधिक मांग शत्रुघ्न सिन्हा, नवजोत सिंह सिद्धू, प्रियंका वाड्रा, सोनिया गांधी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, भूपेंद्र सिंह हुडडा इत्यादि