Delhi Assembly Election: दिल्ली के तख्त पर कौन बैठेगा, यह तय करेंगे युवा मतदाता, जानिए इनके मुद्दे
युवा मतदाताओं को रिझाने के लिए राजनीतिक दल भी पीछे नहीं रहते। ऐसे में मुफ्त वाई-फाई मेट्रो किराये में रियायत व रोजगार जैसे मामले चुनावी मुद्दे बन सकते हैं।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Young voters in Delhi: राजनीतिक दल चुनाव में हर वर्ग के मतदाताओं को लुभाने का पूरा प्रयास करते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में युवाओं को नजरअंदाज करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए आसान नहीं होगा। मतदाता सूची के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या 51.30 फीसद है।
अहम होगी युवाओं की भूमिका
वहीं प्रौढ़ मतदाता 35.13 फीसद व बुजुर्ग मतदाता 13.55 फीसद हैं। इसलिए विधानसभा चुनाव में युवाओं की भूमिका अहम होगी। उनके हाथ ही चुनाव में जीत की असली कुंजी होगी।
एक करोड़ 46 लाख हैं मतदाता
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में कुल एक करोड़ 46 लाख 92 हजार 136 मतदाता हैं। इसमें 75 लाख 37 हजार 453 मतदाता 18 से 39 साल की उम्र के हैं। वहीं 40 से 59 साल के मतदाताओं की संख्या 51 लाख 62 हजार 607 है। इसके अलावा 60 साल से अधिक उम्र वाले मतदाताओं की संख्या 19 लाख 92 हजार 76 है। इस तरह आंकड़ों पर गौर करें तो आधे से ज्यादा मतदाता युवा वर्ग के हैं। यदि युवा मतदाता अधिक संख्या में मतदान करते हैं तो वे भावी सरकार के चयन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
राजनीतिक दल नहीं हैं पीछे
यही वजह है कि युवा मतदाताओं को रिझाने के लिए राजनीतिक दल भी पीछे नहीं रहते। ऐसे में मुफ्त वाई-फाई, मेट्रो किराये में रियायत व रोजगार जैसे मामले चुनावी मुद्दे बन सकते हैं। मुफ्त वाई-फाई का मुद्दा पिछले चुनाव में भी सुर्खियों में रहा था। मतदाता जागरूकता अभियान में सभी जिलों में ऐसे व्यक्तियों को आइकॉन बनाया गया है, जिससे युवा सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे में युवा उनसे मतदान के लिए प्रेरणा ले सकते हैं।