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Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी तो लागू नहीं होगा एनआरसी-सीएए

Delhi Assembly Election 2020 अजय माकन ने कहा कि 2010 के एनपीआर और 2020 के एनआरसी में बहुत अंतर है क्योंकि मोदी सरकार ने इसमें छह नए अवैध खंड शामिल किए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 08:24 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 10:24 AM (IST)
Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी तो लागू नहीं होगा एनआरसी-सीएए
Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी तो लागू नहीं होगा एनआरसी-सीएए

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष अजय माकन ने रविवार को एलान किया कि अगर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की सरकार बनी तो दिल्ली में एनआरसी और नागरिक संशोधन अधिनियम के वर्तमान स्वरूप को लागू नहीं किया जाएगा। समिति की पहली बैठक में रविवार को इस आशय का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। वहीं प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी सरकार से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

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राजीव भवन में पत्रकार वार्ता में चोपड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों का ध्यान बेरोजगारी एवं बढ़ती महंगाई जैसे जरूरी मुद्दों से हटाकर सांप्रदायिकता और जातिगत आधार पर लोगों और देश को विभाजित करने के लिए उनका ध्यान भटका रही है। उन्होंने कहा कि जामिया के कुलपति ने पुलिस द्वारा जामिया परिसर में बिना इजाजत घुसकर छात्रों के साथ पिटाई के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की बात कही है। कांग्रेस किसी भी ¨हसक कार्यवाही का विरोध करती है और नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ पुलिस द्वारा की गई आक्रामक ज्यादती को बर्दाश्त नही करेगी।

अजय माकन ने कहा कि 2010 के एनपीआर और 2020 के एनआरसी में बहुत अंतर है क्योंकि मोदी सरकार ने इसमें छह नए अवैध खंड शामिल किए हैं। माकन ने चोपड़ा द्वारा इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि केजरीवाल इस सत्र में अपना मत स्पष्ट करें कि वे इस मामले पर चुप क्यों हैं? उन्होंने कांग्रेस के आरोप को दोहराते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी भाजपा की बी टीम है। माकन ने कहा कि एनपीआर में पंजीकरण के लिए लोगों को पहली बार माता-पिता के जन्म की तिथि, जगह की जानकारी देनी होती है।

पिछली बार के एनपीआर में 15 प्रश्नों के आधार पर जानकारी अर्जित की गई थी और इस बार भाजपा सरकार ने 6 नए प्रश्न जोड़कर 21 प्रश्नों के तहत देशवासियों की जानकारी अर्जित करने का प्रावधान कर दिया है। इस एनपीआर में मेरे जैसे व्यक्ति को भी समस्या हो सकती है, यदि मुझसे पूछा जाए कि आपके माता-पिता कहां पैदा हुए थे, मेरे माता-पिता पाकिस्तान में पैदा हुए थे, मुझे इसकी जानकारी कहां से मिलेगी।

वहीं, प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि संघीय प्रणाली में राज्य सरकारों के पास केंद्र द्वारा पारित कानूनों को स्वीकार करने या उन्हें अस्वीकृत करने के कुछ अधिकार है। पत्रकार वार्ता में सह प्रभारी कुलजीत सिंह नागरा, पूर्व मंत्री हारुन यूसुफ, बॉक्सर विजेंदर सिंह व वरिष्ठ नेता चतर सिंह मौजूद थे।


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