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Delhi Assembly Election 2020: दो वर्ष में ही बदल गया मतदाताओं का मिजाज

वर्ष 1993 में कांग्रेस ने अजय माकन को उतारा था। उस चुनाव में अजय माकन ने भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल कुमार को करीब 3551 वोट के अंतर से शिकस्त दी थी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 02:48 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 02:48 PM (IST)
Delhi Assembly Election 2020: दो वर्ष में ही बदल गया मतदाताओं का मिजाज
Delhi Assembly Election 2020: दो वर्ष में ही बदल गया मतदाताओं का मिजाज

नई दिल्ली [भगवान झा]। राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली का सबसे हाईप्रोफाइल इलाका है। इस क्षेत्र में पॉश कालोनी के साथ-साथ अनियोजित कॉलोनियां भी हैं। ऐसे में यहां राजनीतिक मिजाज समय के साथ बदलता रहा है। 2015 में यहां एकतरफा जीत आप के प्रत्याशी जरनैल सिंह को मिली थी। पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान जरनैल सिंह ने यहां से इस्तीफा दे दिया था।

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कभी था कांग्रेस का गढ़

इसके बाद हुए उपचुनाव में मतदाताओं का मिजाज बदला और उन्होंने भाजपा अकाली गठबंधन के प्रत्याशी मनजिंदर सिंह सिरसा को जीत दिलाई। इससे पहले यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां से प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन तीन बार विधायक रहे हैं।

1993 में कांग्रेस ने अजय माकन का उतारा था

वर्ष 1993 में कांग्रेस ने अजय माकन को यहां से उतारा था। उस चुनाव में अजय माकन ने भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल कुमार को करीब 3551 वोट के अंतर से शिकस्त दी थी। वर्ष 1998 में कांग्रेस ने दोबारा अजय माकन को यहां से टिकट दिया वहीं भाजपा ने शशि प्रभा आर्या को टिकट दिया। चेहरा बदलने का भी फायदा इस चुनाव में भाजपा को नहीं मिला और अजय माकन ने 19 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की।

भाजपा नहीं लगा पाई सेंध

इसके बाद वर्ष 2003 के चुनाव में फिर से अजय माकन कांग्रेस प्रत्याशी थे। इस चुनाव में भाजपा ने सरबजीत सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया। लेकिन फिर भी कांग्रेस के गढ़ में भाजपा सेंध नहीं लगा पाई। अजय माकन ने 24 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की। हर चुनाव में अजय माकन के जीत का अंतर बढ़ता चला गया। इसके बाद वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट से प्रत्याशी बदला और दयानंद चंदेला को टिकट दिया।

जीत हार का अंतर 46 हजार का रहा

इस चुनाव में मुकाबला दिलचस्प रहा और शिरोमणि अकाली दल एम के प्रत्याशी अवतार सिंह हित चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जीत-हार का अंतर सिर्फ 46 वोट का रहा। 46 वोट से दयानंद चंदेला ने जीत हासिल की थी। इसके बाद से यह सीट कांग्रेस के हाथ से फिसलती चली गई। वर्ष 2013 के चुनाव में शिअद प्रत्याशी मनजिंदर सिंह सिरसा ने कांग्रेस प्रत्याशी धनवंती चंदेला को हराया था।

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