Delhi Assembly Election: केजरीवाल के खिलाफ चुनाव ताल ठोंक सकते हैं कांग्रेसी नेता लिलोठिया
दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा है कि अगर पार्टी चाहे तो मैं अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ सकता हूं।
नई दिल्ली, एएनआइ। Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली में चुनाव को लेकर राजनीति गर्मी बढ़ी हुई है। दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने भी अपने चुनाव लड़ने के बारे में सोमवार को एलान करते हुए अपनी पंसदीदा सीट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी को अपनी इच्छा बता दी है अगर पार्टी यह सोचती है कि मैं अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ूं, तो मैं इसके लिए तैयार हूं। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं।
इस बार भी मंगलवार को केजरीवाल इसी सीट से नामांकन करने जा रहे हैं। सोमवार को उन्होंने नामांकन के लिए रैली निकाली थी हालांकि समय के अभाव में उन्होंने नामांकन नहीं किया। बता दें कि कांग्रेस में राजेश लिलोठिया का कद काफी बड़ा है। ऐसे में अगर पार्टी के तरफ से उन्हें केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने की हरी झंडी मिल जाती है तो इस सीट पर चुनाव का मुकाबला काफी दिलचस्प हो जाएगा। वह अभी पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष पद पर हैं।
इससे पहले दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने केजरीवाल पर गारंटी कार्ड के लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अपनी संभावित हार से हताश और निराश आप गांरटी कार्ड जारी करके दिल्ली के लोगों को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रही है। उन्होंने इसे ‘जुमला कार्ड’ करार दिया है।
उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्र व दिल्ली सरकार बिजली की हाईटेंशन लाइन के अंतर्गत आने वाली अनधिकृत कॉलोनियों में लोगों का मालिकाना हक नहीं दे रही हैं। अब जनता का विरोध देखते हुए इन लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 20 कॉलेज बनाने का वादा किया गया था और एक भी नहीं बनाया गया। दिल्लीवासियों को दूषित पानी पिलाने वाले केजरीवाल अब कांग्रेस की कैशबैक योजना को मिल रहे भारी समर्थन से बौखलाकर शुद्ध पानी देने की बात कर रहे हैं। पांच वर्षों में पानी साफ करने के लिए कोई ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया गया। इसी तरह से एक भी नया अस्पताल नहीं बनाया गया और अब अस्पताल बनाने का वादा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की बदहाली के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। 32 सौ से ज्यादा बसें सड़कों से हट गई हैं। मेट्रो के तीसरे चरण का काम तीन साल और चौथे चरण का पांच साल पीछे चल रहा है। अब केजरीवाल परिवहन व्यवस्था सुधारने का वादा कर रहे हैं। यही नहीं शिक्षा के नाम पर भी सिर्फ विज्ञापन पर ही सरकारी धन की बर्बादी की गई है।