Delhi Assembly Election 2020: इस बार नया तरीका अपनाकर सभी 70 उम्मीदवारों को चुनेगी BJP
Delhi Assembly Election 2020दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की घोषणा के साथ ही भाजपा में प्रत्याशी तय करने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Assembly Election 2020 : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की घोषणा के साथ ही भाजपा में प्रत्याशी तय करने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। बुधवार को सभी विधानसभा क्षेत्रों के संभावित प्रत्याशियों के नाम पर रायशुमारी होगी, जिसमें विस्तारक, प्रभारी, संयोजक के साथ ही विधायक व पार्षद भी शामिल होंगे। सभी उम्मीदवार को लेकर लिखित राय देंगे। उनकी राय एक पेटी में बंद की जाएगी, जिसके आधार पर केंद्रीय नेतृत्व अंतिम फैसला लेगा।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के कई नेता टिकट की दौड़ में शामिल हैं। इनमें से योग्य उम्मीदवार के चयन और इस काम में पारदर्शिता लाने के लिए इस बार यह तरीका अपनाया गया है। बुधवार को सभी 14 संगठनात्मक जिलों में इसके लिए बैठकें होंगी। बैठक में प्रदेश के दो नेता पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल होंगे। उनकी उपस्थिति में संबंधित जिला में आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों के नाम पर कार्यकर्ता राय देंगे।
इस रायशुमारी में विधानसभा क्षेत्र में तैनात किए गए विस्तारक, प्रभारी व संयोजक के साथ ही, विधानसभा में अन्य वाले मंडलों के अध्यक्ष, वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव का प्रत्याशी, पार्षद व पूर्व पार्षद (वर्ष 2012 में चुनाव जीतने वाला), जिला अध्यक्ष, उस विधानसभा में रहने वाले प्रदेश, मोर्चे व जिले के पदाधिकारी शामिल होंगे। भाजपा नेताओं ने बताया कि इस प्रक्रिया से योग्य उम्मीदवारों को मैदान में उतारने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही विवाद की आशंका भी नहीं रहेगी। प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ताओं की राय लेने के बाद अगले कुछ दिनों में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी।
गुटबाजी थामने के लिए भी की जाएगी कवायद
विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने को लेकर हर सीट पर दावेदारों में घमासान मचा हुआ है। ऐसे में शीर्ष नेतृत्व को आशंका है कि प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाने के बाद कुछ लोग गुटबाजी को हवा दे सकते हैं। ऐसे ही नेताओं को संतुष्ट करने और जिताऊ प्रत्याशियों का चयन करने के लिए पार्टी यह रायशुमारी करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी का यह भी मानना है कि इस प्रक्रिया से जहां प्रत्याशियों के चयन में पारदर्शिता आएगी। वहीं चुनाव में योग्य व सक्षम उम्मीदवार के चयन में भी आसानी रहेगी।