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Delhi Assembly Election 2020 में अब न रहे कोई भ्रम, मतदाता यहां से लें सारी जानकारी

Delhi Assembly Election 2020 मतदातान सूची में नाम नहीं है तो अब भी ऑनलाइन या वोटर सेंटर पर पहुंचकर फार्म छह भरकर लोग दे सकते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 10:39 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 04:55 PM (IST)
Delhi Assembly Election 2020 में अब न रहे कोई भ्रम, मतदाता यहां से लें सारी जानकारी
Delhi Assembly Election 2020 में अब न रहे कोई भ्रम, मतदाता यहां से लें सारी जानकारी

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 का बिगुल चुनाव आयोग द्वारा किए गए इसके एलान के साथ ही बज गया है। ऐसे में चुनाव की तैयारियों और मतदान फीसद बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए गए इंतजाम, मतदाता जागरूकता अभियान सहित कई मुद्दों पर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) डॉ. रणबीर सिंह से रणविजय सिंह ने बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश:

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क्या चुनाव व मतदाता सूची से संबंधित तैयारी पूरी हो चुकी है?

-मतदाता सूची से संबंधित विशेष सारांश समीक्षा का काम पूरा हो गया है। छह जनवरी यानी सोमवार को फाइनल मतदाता सूची का प्रकाशन होगा और उसके आंकड़े भी जारी किए जाएंगे। फाइनल मतदाता सूची छपने के बाद भी यदि किसी का नाम छूट जाता है तो वह सूची में अपना नाम दर्ज करा सकता है। मतदाता सूची में नाम नहीं होगा तो वोट नहीं डाल पाएंगे। 1950 पर कॉल करके मतदाता सूची में अपने नाम की जांच करा सकते हैं। एनवीएसपी.इन वेबसाइट या वोटर हेल्पलाइन मोबाइल एप पर खुद ही नाम की जांच की जा सकती है। इसके अलावा एसएमएस भेजकर भी जांच कराई जा सकती है। इसके लिए मोबाइल के मैसेज बॉक्स में ईपीआइसी लिखें और फिर वोटर कार्ड नंबर लिखकर 7738299899 नंबर पर मैसेज भेज दें। 10 सेकेंड में सूचना मोबाइल पर आ जाती है। यदि मतदाता सूची में नाम नहीं है, तो यह जानकारी भी मिल जाएगी। ऐसी सूरत में अब भी ऑनलाइन या वोटर सेंटर पर पहुंचकर फार्म छह भरकर लोग दे सकते हैं। ताकि, मतदाता सूची में नाम जुड़ सके। यदि एक जनवरी 2020 तक, जो लोग 18 साल के हो चुके हैं, वे फार्म जामकर मतदाता सूची में नाम जुड़वा लें। नामाकंन के आखिरी तिथि तक मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का फार्म स्वीकार्य किया जाएगा। आवेदन करने के करीब 10 दिन में नाम जुड़ जाता है।

कौन से विधानसभा क्षेत्रों में जागरूकता अभियान पर अधिक जोर रहेगा?

-दिल्ली कैंट, नई दिल्ली, ओखला, नांगलोई जाट व बदरपुर ये पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां मत फीसद सबसे कम था। इन क्षेत्रों में 55 फीसद तक मतदान रहा था। दिल्ली कैंट में सबसे कम 42 फीसद मतदान हुआ था। इन क्षेत्रों में मतदान फीसद बढ़ाने के लिए टारगेटेट अप्रोच अपनाई जा रही है। इसके अलावा सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के बच्चों को संकल्प पत्र जारी करेंगे। बच्चों के माता-पिता से इस संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर कराकर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा। संकल्प पत्र को स्वीकृति के लिए चुनाव आयोग के पास भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर चुनाव की घोषणा के बाद इसे स्कूलों में बच्चों को वितरित किया जाएगा।

ईवीएम पर भी सवाल उठाए जाते हैं, ऐसी स्थिति से बचने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

-बात बिल्कुल सही है। यही वजह है कि ईवीएम-वीवीपैट जागरूकता अभियान चलाया गया है। इस काम के लिए सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए दो-दो गाड़ियों की व्यवस्था की गई है। यह गाड़ियां प्रतिदिन छह जगहों पर जाती हैं, जहां लोगों को एकत्रित करके वोटिंग मशीन के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही मॉक वोट कराकर वीवीपैट से छपी पर्ची देखने की जानकारी दी जाती है। ताकि, लोगों में किसी तरह का भ्रम न रहे। दिल्ली में कुल 13550 पोलिंग स्टेशन हैं। इससे डेढ़ गुना ईवीएम व वीवीपैट मशीनें उपलब्ध हैं।

सीएए को लेकर पिछले दिनों, जो हिसंक प्रदर्शन हुआ क्या उससे चुनाव की तैयारियों पर असर पड़ा?

-पुलिस कानून व्यवस्था नियंत्रित करती है। चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के मामले में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। इसलिए जरूरत के मुताबिक सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएंगे।


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